Breaking Newsदेश -विदेशस्लाइडर

कोविड-19 की तुलना में ज्यादा चिंता का कारण बन सकता है जीका वायरस… स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी…

केरल में जीका वायरस ( Zika virus cases) के दर्जनों मामले सामने आने के बाद, एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि मच्छर से पैदा होने वाली ये बीमारी कोरोनावायरस बीमारी (Corona Virus) की तुलना में ज्यादा गंभीर हो सकती हैं. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर और प्रोफेसर डॉ नरेश गुप्ता ने एएनआई को बताया कि इस वायरस की प्रयोगशाला मे जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस वायरस को लेकर भी जिंतित होने की जरूरत है.

यह एक ऐसा वायरस है जो मच्छर के काटने से फैलता है और ये स्थानीय लोगों में बड़ी आसानी से फैल सकता है. इसलिए, मुझे लगता है कि अगर किसी राज्य या स्थान में जीका के मामले सामने आ रहे हैं तो उन राज्य पर निगरानी रखने की जरूरत है.

वहीं गुरूवार को केरल में पांच और लोग जीका वायरस से संक्रमित हुए. जिससे इस वायरस से संक्रमित होने वालों के कुल मामलों की संख्या 28 हो गई है. तिरुवनंतपुरम के ताजा मामलों की पुष्टि अलापुझा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के क्षेत्रीय केंद्र में सैंपल के टेस्ट के बाद की गई थी. वहीं दूसरी तरफ जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को स्वास्थ्य मुद्दे पर चर्चा के लिए इमरजेंसी बैठक बुलाई है.

एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है
मालूम हो कि जीका वायरस ज्यादातर एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है, जो डेंगू, चिकनगुनिया और पीले बुखार को फैलाता है. जबकि डॉ गुप्ता ने प्रकोप की स्थानीय प्रकृति का हवाला देते हुए कहा कि वेक्टर जनित बीमारी कोविड -19 की तुलना में ज्यादा चिंता का विषय है, कई अन्य मेडिकल विशेषज्ञों ने यह कहते हुए चिंता को कम कर दिया है कि इसे प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों से रोका जा सकता है.

पहली बार बंदरों में पहचाना गया था
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जीका वायरस एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है. जिसे पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पहचाना गया था. इसे बाद में 1952 में युगांडा और संयुक्त गणराज्य तंजानिया में मनुष्यों में पहचाना गया. जीका वायरस का प्रकोप अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और प्रशांत में दर्ज किया गया है.

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/gaganmittal/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471