रायपुर: राजधानी रायपुर के अमलीडीह और महावीरनगर का इलाके में इन दिनों आवारा मवैशियों(gathering of stray cattle) की दहशत यहां के रहवासियों में रोज देखी जा रही है। दोनों इलाकों में आवारा मवैशियों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि जहां लोगों का सडक़ों पर चलना मुश्किल हो गया है, वहीं मवेशियों की आपसी लड़ाई के कारण दुर्घटनाएं भी होने लगी है।(gathering of stray cattle)
राजधानी का अमलीडीह और महावीर नगर इलाका इन दिनों आवारा मवैशियों के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इन इलाकों में आवारा मवैशियों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गयी है कि दोनों इलाको की सडक़े अब आवारा मवैशियों से भरी दिखाई देती है।
यहां आवारा मवैशियों की संख्या 200 से अधिक हो गई है, जिसके कारण सडक़ों पर लोगों का वाहनों का चलाना तो दूर पैदल चलना भी दुर्भर हो गया है। क्योंकि इन इलाकों में हर रोज अब आवारा मवैशियों के बीच सडक़ पर लड़ाई भी होती है जिसके कारण लोगों में आवारा मवैशियों की दहशत भी है।
आवारा मवैशियों के बीच लड़ाई से न केवल पैदल यात्री, दोपहिया व तीन पहिया वाहनों के लोगों में नहीं, बल्कि सडक़ किनारे रोजी-रोटी कमाने के लिए सब्जी, फल आदि जमीन व ठेले में बेचने वाले छोटे व्यवसायियों में भी भय का वातावरण है।
पिछले दो सप्ताह में इन दोनों इलाकों में कुछ लोगों को आवारा मवैशियों की लड़ाई के कारण चोटें भी आई है, वहीं कई लोगों की वाहनों को क्षति पहुंची है। आवारा मवैशियों के सडक़ों पर जमावड़ा के कारण वाहनों के आवागमन में भी परेशानी हो रही है,जिसके कारण हर दिन यहां जाम लगने के साथ दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
इधर वार्ड में आवारा मवैशियों के कारण बनी स्थिति को देखते हुए भी वार्ड पार्षद से लेकर नगर निगम प्रशासन इसे अनदेखा किये हुए है, जिसके कारण इन इलाको में रहने वाले लोगों में वार्ड पार्षद से लेकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी देखा जा रहा है।
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