शिक्षाकर्मियों को संचालनालय आने से रोकने के लिए पंचायत के डायरेक्टर ने जारी आदेश पर संघ ने दी प्रतिक्रिया
रायपुर। पंचायत संचालनालय के डायरेक्टर पंचायत द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसमें शिक्षक पंचायत संवर्ग को पंचायत विभाग/संचालनालय को व्यक्तिगत कार्य एवं मांगो को लेकर आने पर पाबंदी लगाते हुए समस्त जिला पंचायत सीईओ को आदेशित किया है और कहा है सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आदेशित करें। इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि समस्या हैं, इसलिए समाधान के रास्ते तलाशे जाते हैं, संविलियन देकर आप हमारी समस्याओं का अंत कर दीजिए, हम आपकी चौखट पर अनावश्यक क्यों आएंगे। जनपद और जिला पंचायत से अपनी समस्याओं का निदान न पाने से निराश शिक्षक पंचायत ही संचालनालय की चौखट पर कदम रखता है।
आप समस्या ही पैदा मत करिए तो कोई नहीं आएगा संचालनालय। न रहेगा बाँस ना बजेगी बांसुरी। वीरेन्द्र दुबे और शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय प्रवक्ता जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक पंचायत संवर्ग अपने प्रादुर्भाव काल से समस्याओं से पीडि़त है। शिक्षा, पंचायत, नगरीय निकाय, ट्रायवल जैसे कई पाटों में पीस रहे हैं। 1998 से आज तक नियमित वेतन की व्यवस्था नही बन पाई। आबंटन न होने पर जनपद जिला हाथ झड़ा देते हैं और वे खुद ही कहते है संचालनालय जाकर एलाट ले आओं। एलाटमेंट होने पर भी कई बार लापरवाहियों के चलते वेतन नही दे पाते। अनुकम्पा, पदोन्नति, स्थानांतरण ऐसे मुद्दे हैं जो जनपद और जिला में निराकृत नहीं हो पाते।
पंचायत विभाग शिक्षाकर्मियों के मामलों को ठीक से समझ और हल नहीं कर पाता, क्योंकि वह विशुद्ध पंचायती राज के मामलों में ज्यादा रुचि रखते हैं जबकि शिक्षाकर्मियों की समस्याएं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों जैसी है, इसलिए जनपद पंचायत और जिला पंचायत के सीईओ भी शिक्षक पंचायत संवर्ग की समस्याओं का निराकरण नहीं कर पाते, और इस बात से डारेक्टर पंचायत भी इत्तेफाक रखते हंै, वो खुद भी कई बार इस बात को स्वीकार चुके हैं कि जनपद और जिला पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को शिक्षक पंचायत संवर्ग के विषय में जानकारी का अभाव होता है, इसलिए समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हो पाता। इन सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान है कि शिक्षक पंचायत संवर्ग का शिक्षा विभाग में शासकीय करण, संविलियन कर दिया जाए, ताकि राज्य सरकार के कर्मचारियों की भांति हमारी समस्याओं का अंत हो सके।
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