नई दिल्ली: हर खिलाड़ी विकेटकीपिंग नहीं कर सकता है. इसके लिए विशेषज्ञ का होना जरूरी है. लेकिन कई बार क्रिकेट मैदान पर ऐसे हालात बनते हैं, जब मजबूरी में ही सही, दूसरे खिलाड़ियों को ये जिम्मेदारी सौंपनी पड़ती है. ऐसा ही एक वाकया भारतीय क्रिकेट टीम के साथ भी हो चुका है. जब टीम के रेगलुर विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी की जगह विराट कोहली ने ये जिम्मेदारी संभाली थी. हालांकि, इसकी वजह बड़ी मजेदार है. दरअसल, मैच के दौरान धोनी को अचानक नेचर कॉल की वजह से मैदान से बाहर जाना पड़ा. तब उनकी गैरमौजूदगी में कोहली ने एक ओवर तक विकेटकीपिंग की थी.
ये वाकया भारत और बांग्लादेश के बीच 2015 में हुए वनडे के दौरान हुआ था. तब धोनी को अचानक टॉयलेट ब्रेक लेना पड़ा. उन्होंने विराट को विकेटकीपिंग ग्लव्स थमाए और मैदान से बाहर चले गए. उस समय सब्सिट्यूट विकेटकीपर की अनुमति नहीं थी. इसी वजह से धोनी की जगह आउटफील्ड में एक खिलाड़ी फील्डिंग के लिए आया और विराट ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली. ये वाकया बांग्लादेशी पारी के 44वें ओवर में हुआ था. हालांकि, एक ओवर बाद धोनी मैदान पर लौट आए थे.
कोहली को गेंद मुंह पर लगने का डर सता रहा थाकोहली ने हाल ही में साथी क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा था कि विकेटकीपर के लिए ये खेल कितना मुश्किल होता है. तब उन्होंने मयंक से कहा था कि कभी माही भाई से पूछना कि यह कैसे हुआ?. तब उन्होंने मुझे कहा था कि यार 2-3 ओवर विकेटकीपिंग करनी है. मैंने विकेटकीपिंग के साथ फील्ड प्लेसमेंट की जिम्मेदारी भी संभाली थी. इसके बाद मुझे समझ आया कि जब वो फील्ड में होते हैं, तो उन्हें हर बॉल पर ध्यान देना होता है और फील्डिंग भी सेट करनी होती. हालांकि, मुझे तब काफी मजा आया था. लेकिन उन्हें गेंद मुंह पर लगने का डर भी सता रहा था.
इसके बारे में विराट ने बताया कि उस समय एक परेशानी थी कि उमेश यादव गेंदबाजी कर रहे थे. मुझे डर लग रहा था कि कहीं उनकी गेंद मुंह पर न लग जाए. मैं तब हेलमेट नहीं पहनना चाहता था. क्योंकि मुझे लग रहा था कि अगर ऐसा करूंगा तो मेरी बेइज्जती हो जाएगी.
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