क्रिकेट की दुनिया का ये वो काला अध्याय है जिसने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया. तीन भारतीय क्रिकेटरों को स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें एक तो वो क्रिकेटर भी शामिल रहा जिसने महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारतीय टीम के साथ दो वर्ल्ड कप भी जीते. एक 2007 में साउथ अफ्रीका में हुआ टी20 वर्ल्ड कप और दूसरा साल 2011 में भारत में खेला गया विश्व कप. एस. श्रीसंत के अलावा जिन दो भारतीय क्रिकेटरों को अरेस्ट किया गया, उनमें अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण भी शामिल रहे. साल 2013 के इस काले अध्याय के एक महीने से भी कम समय में ही बांग्लादेशी क्रिकेट में भी भूचाल आ गया जब एक दिग्गज बल्लेबाज ने भी क्रिकेट को कलंकित किया. ये मामला भी स्पॉट फिक्सिंग (Spot Fixing) और मैच फिक्सिंग (Match Fixing) से जुड़ा रहा. बांग्लादेशी क्रिकेट के इस बड़े विवाद की बात इसलिए क्योंकि आज यानी 4 जून के ही दिन इस बल्लेबाज ने अपना गुनाह कुबूल किया था.
दरअसल, तीन भारतीय क्रिकेटरों के गिरफ्तार होने के बाद बांग्लादेश के बल्लेबाज मोहम्मद अशरफुल (Mohammad Ashraful) का नाम भी स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग के मामले में सामने आया. फिर अशरफुल ने 4 जून 2013 को बांग्लादेशी प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग मामले में अपनी मौजूदगी की बात मान ली. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने एंटी करप्शन एंड सिक्योरिटी यूनिट की रिपोर्ट आने तक मोहम्मद अशरफुल पर किसी भी तरह का क्रिकेट खेलने से रोक लगा दी. इस मामले में बांग्लादेशी बल्लेबाज पर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया गया. बाद में उनकी सजा कम करते हुए पांच साल कर दी गई.
बांग्लादेश के लिए 61 टेस्ट और 177 वनडे खेले
मोहम्मद अशरफुल की गिनती बांग्लादेश के बेहतरीन क्रिकेटरों में की जाती थी. उन्होंने अपने करियर में देश के लिए 61 टेस्ट मैच खेले. इनमें उनके बल्ले से 24 की औसत से 2737 रन निकले. टेस्ट में उन्होंने 6 शतक और 8 अर्धशतक भी लगाए जबकि उनका उच्चतम स्कोर 190 रन रहा. वहीं अशरफुल ने 177 वनडे मैचों में भी हिस्सा लिया. इसमें उनहोंने 22.23 की औसत से 3 शतकों और 20 अर्धशतकों की मदद से 3468 रन बनाए. इस प्रारूप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 109 रन का रहा. दाएं हाथ के इस बांग्लादेशी बल्लेबाज ने 23 टी20 मैचों में भी हिस्सा लिया और 19.56 के औसत से 450 रन बनाए. इसमें दो अर्धशतक लगाए.
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