मुख्यमंत्री ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम में किया मेधावी छात्राओं का सम्मान राजनांदगांव। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि समाज को बस्तर के वनवासियों से बेटियों के सम्मान का सबक सीखना चाहिए। पिछड़ा समझा जाने वाला वनवासी समाज बेटियों को शक्ति स्वरूपा देवी मानता है। छत्तीसगढ़ में बेटे और बेटियों का लिंग अनुपात सबसे बेहतर बस्तर संभाग में हैं। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या का अपराध हत्या के बराबर है। इस अपराध के लिए भी उतनी ही कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव के पद्मश्री गोविन्दराम निर्मलकर सभागार में आयोजित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम और मेधावी छात्राओं के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली मेधावी छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र और स्कूल बैग प्रदान कर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने महिलाओं और पुरूषों को समान अधिकार दिए हैं। आज समाज भी धीरे-धीरे बेटे-बेटियों के समान अधिकारों के लिए सहमत हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग अनुपात की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के तीन अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में एक हजार बेटों पर 997 बेटियां है। आज शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में हमारी बेटियां अग्रणी हैं। यह आयोजन समानता के अधिकार के प्रति लोगों में जागृति लाने का कार्य करेगा। डॉ. सिंह ने कहा कि पहले स्कूलों में सुविधाएं नहीं होने के कारण बेटियां स्कूल जाने में संकोच करती थीं। राज्य सरकार ने सभी कन्या और बालक विद्यालयों में शौचालय बनवाये। सभी स्कूलों और कॉलेजों में सेनटरी नेपकिन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा के माध्यम से डीएसपी के पद पर चयनित 15 बेटियों से जब यह पूछा गया कि नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में कौन सेवा देना चाहता है, तो सभी बेटियों ने नक्सल मोर्चे पर जाने की सहमति दी। यह बेटियों के आत्मविश्वास को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करना ही नहीं बल्कि जीवन की हर परीक्षा में सफलता प्राप्त करना होना चाहिए। समारोह में सांसद अभिषेक सिंह, विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे, छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती शोभा सोनी, खूबचंद पारख, महापौर मधुसूदन यादव, धरमलाल कौशिक आदि मौजूद थे।
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