एमपी में हुए संविलियन को समझने समिति को चाहिए समय
रिपोर्ट सौंपने में और लग सकता है एक महीना
रायपुर। संविलियन की मांग को लेकर बाट जो रहे शिक्षाकर्मियों को अभी राहत नहीं मिली है। सीएम डॉ. रमन सिंह ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी, जिसे 5 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन यह समिति अभी तक अपना काम पूरा नहीं कर पाई है। जिसके चलते अब संविलियन का काम फिर हाल टल गया है। समिति ने रिपोर्ट में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया है, जिसमें शिक्षाकर्मी संघ से सुझाव मांगे गए है। शिक्षाकर्मियों की मुख्य मांगों में संविलियन शामिल है और वे इसे ही पूरा कराने के लिए आंदोलन तक कर चुके हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार संविलियन हो जाएगा, जो जानकारी अभी मिल रही है उससे साफ है कि रिपोर्ट आने में अभी एक महीने का समय और लग सकता है, क्योंकि समिति के सामने संविलियन को लेकर कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही है। एमपी में जिस तरह से शिक्षाकर्मियों को संविलियन किया गया है उस समिति उसका भी अध्ययन करके उसकी बारीकियों को समझेगी, ताकि छत्तीसगढ़ में भी संविलियन में मदद मिल सके। जानकारी मुताबिक अब समिति की रिपोर्ट इस महीने के अंत या अप्रेल के शुरुआत में आ सकती है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि एक टीम संविलियन को समझने के लिए भोपाल जाकर अधिकारियों से मुलाकात करेगी और सूक्ष्म से सूक्ष्म बातों को जानने का प्रयास करेगी। शिक्षाकर्मियों संघ के प्रवक्ता जितेन्द्र शर्मा का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीद थीं कि पांच मार्च को संविलियन को लेकर घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी इससे नाराज है। श्री शर्मा ने कहा कि अगर जल्द ही इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ तो फिर संघ संविलियन का प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीति बनाएगा और उचित कमद उठाए जाएंगे।
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