रोज सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की नौकरी करने के बाद हमारे लिए एक्सरसाइज (Exercise) के लिए वक्त निकालना और अपनी फिटनेस (Fitness) पर फोकस करना लोहे के चने चबाने से कम नहीं है. बंधा-बंधाया सा एक नीरस रूटीन और बिजी लाइफ आपको हमेशा कुछ न कुछ परेशानी देते रहते हैं. इतना कि आपका खुद पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है. फिर भले ही वह एक्सरसाइज ही क्यों न हो.
एक्सरसाइज और फिटनेस आपकी जिंदगी में अहम स्थान रखते हैं .हमें सेहतमंद रखने के साथ ही लंबी उम्र तक फिट बनाए रखने में भी इनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता है. रोज की जाने वाली फिजिकल एक्टिविटी सभी बीमारियों को दूर रखती हैं. यह एंडोर्फिन रिलीज करने में मदद करती है जो आपको खुश, ऊर्जावान और अधिक सक्रिय बनाता है.
हालांकि, जब भी वर्कआउट में पसीना बहाने की बात आती है तो हम खुद को फंसा हुआ पाते हैं. एक्सरसाइज करने का कभी भी कोई सही वक्त नहीं होता, लेकिन इसके लिए सटीक शेड्यूल बनाया जाए तो यह हमें सेहतमंद रखने में मदद करता है,क्योंकि सेहतमंदी (Boon) होना किसी वरदान से कम नहीं है.
सुबह जल्दी उठने वालों के लिए सुबह तो अन्य लोगों के लिए शाम और रात का वक्त एक्सरसाइज के लिए सही रहता है. अगर आप फिटनेस मोड में आने और पसीना बहाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको बेस्ट रिजल्ट पाने के लिए अपने वर्कआउट को कुछ इस तरह से प्लान करना चाहिए.
मॉर्निंग वर्कआउटः
मॉर्निंग कार्डियो के लिए परफेक्ट है. जब आपका शरीर वर्कआउट करने के बाद एंडोर्फिन (Endorphin) रिलीज करता है, तो आप दिन के लिए पूरी तरह से तैयार होते हैं और अपने दिन की शुरुआत फ्रेशनेस के साथ करते हैं. किसी चीज को पूरा करने के बाद आपको जो प्रेरणा मिलती है, वह आपके दिन के किक स्टार्ट (Kickstart) के लिए काफी होती है. इससे आप एनर्जेटिक रहते हैं.
जब आप जल्दी उठते हैं और अपना वर्कआउट पूरा कर लेते हैं, तो आपके पास अपना पसंदीदा खाना पकाने, आराम करने, सोशल होने और पूरे दिन भर आराम और अन्य काम करने के लिए वक्त रहता है.आपकी सुबह की एक्सरसाइज के बाद, आप अधिक भूख महसूस करते हैं और हैवी ब्रेकफास्ट कर सकते हैं जो आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता है. इस वक्त एक्सरसाइज करना आपके वजन को संतुलित रखने के साथ ही पाचन को भी दुरुस्त रखता है. इस दौरान आपके शरीर को एक्टिव रहने के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं.
शाम का वर्कआउटः
देखा जाए तो सुबह वर्कआउट करना अधिक फायदेमंद होता है, शाम का वर्कआउट आमतौर पर उन लोगों के लिए सबसे अच्छा होता है जो कामकाजी होते हैं,देर रात तक ऑफिस के काम में जुटे रहते हैं और सुबह कुछ अधिक नींद लेना पसंद करते हैं.शाम के वर्कआउट में आपका शरीर वेटलिफ्टिंग,कार्डियो जैसे हेवी वर्कआउट साथ ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के लिए पूरी तरह से् तैयार होता है, क्योंकि शरीर की मांसपेशियां आराम के बाद ताकत ले चुकी होती है.
इवनिंग वर्कआउट आपके शरीर को ठंडक देता है और आपको अच्छी नींद आती है. शाम के वर्कआउट के लिए अलग से वार्म-अप होने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि आपका शरीर पहले से ही मूवमेंट में आने के साथ ही एक्टिव हो चुका होता है. हालांकि, देर रात का इंटेंस वर्कआउट (Intense Workout) आपकी नींद में खलल पैदा कर सकता है.
निष्कर्षः
कुल मिलाकर देखा जाए तो एक्सरसाइज करना आपकी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए निहायत जरूरी और बेहद फायदेमंद है.वैसे देखा जाए तो शरीर को फिट रखने के लिए वक्त कभी आड़े नहीं आना चाहिए. जहां तक सुबह और शाम एक्सरसाइज या वर्कआउट करने की बात है तो दोनों ही वक्त सही हैं, लेकिन कहा जा सकता है कि सुबह का वर्कआउट शरीर और दिमाग के लिए अधिक फायदेमंद होता है,क्योंकि यह पूरे दिन आपको सक्रिय रखते हुए शरीर को लय और गति प्रदान करता है.
मेडलाइन प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक, नियमित एक्सरसाइज करने से कोलोन, लंग, यूटेरिन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. The Khabrilal इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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