बिहार के सीतामढ़ी जिले के बथनाहा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक अनिल कुमार इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. इसकी वजह यह है कि बीते विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल करके विधायक बने अनिल कुमार नेता बनने से पहले सरकारी अधिकारी बनने का सपना देख रहे थे और अब कुछ ऐसा हुआ है कि जनाब कन्फ्यूजन में हैं कि विधायक बने रहें या फिर सरकारी अधिकारी बन जाएं.
विधायक ने पास की BPSC परीक्षा
दरअसल, 24 जनवरी को बीपीएससी (असिस्टेंट इंजीनियर) की मुख्य परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए जिसमें अनिल कुमार सफल हुए हैं. अनिल कुमार ने मुख्य परीक्षा 2019 में दी थी जिसके नतीजे अब जाकर घोषित हुए हैं. जिस समय अनिल कुमार ने बीपीएससी (असिस्टेंट इंजीनियर) की मुख्य परीक्षा दी थी उस समय उनका नाता राजनीति से दूर-दूर तक नहीं था मगर इसी दौरान 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें बथनाहा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया जहां से वह चुनाव जीत गए.
अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मेसरा से सिविल इंजीनियरिंग की है. इंजीनियर बनने के बाद अनिल कुमार ने रिलायंस इंडस्ट्री में नौकरी की. इसके बाद उन्होंने झारखंड में भी डिजाइन इंजीनियर के तौर पर नौकरी की.
सरकारी नौकरी करने का था इरादा
इसी दौरान माता-पिता की इच्छा के अनुसार अनिल कुमार ने सरकारी नौकरी करने का फैसला किया और इसी क्रम में 2017 में जब बीपीएससी की ओर से वैकेंसी निकली थी तो उसमें उन्होंने आवेदन किया था और प्रीलिम्स परीक्षा पास की. इसके बाद 2019 में उन्होंने मुख्य परीक्षा दी इसके नतीजे अब घोषित हुए हैं, जिसमें वह सफल हुए हैं.
अनिल ने कहा, “बिहार में कई लोगों की तरह मेरे मां-बाप का भी सपना था कि मैं सरकारी अधिकारी बनूं और इसीलिए मैंने बीपीएससी में असिस्टेंट इंजीनियर की परीक्षा दी जिसकी मुख्य परीक्षा मैं पास कर चुका हूं. मुझे जो अंक प्राप्त हुए हैं उसके मुताबिक मुझे सरकारी नौकरी मिलना लगभग तय है”
अनिल कुमार ने कहा कि इस परीक्षा के आखिरी चरण में इंटरव्यू होना है और वह इस इंटरव्यू के लिए जरूर बैठेंगे. दिलचस्प बात यह है कि अनिल कुमार इंटरव्यू में केवल औपचारिकता के लिए बैठना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने अपना मन बना लिया है कि वह अब सरकारी नौकरी नहीं करेंगे बल्कि विधायक बन कर जनता की सेवा करेंगे.
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