वाशिंगटन. अमेरिका (US) के कैपिटल हिल पर बुधवार को ट्रंप समर्थकों के हिंसक उत्पात (Capitol hill violence) के बाद न सिर्फ डेमोक्रेट बल्कि रिपब्लिकन और विश्व के कई नेताओं ने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की कड़ी आलोचना की है. इन आलोचनाओं के बाद अब ट्रंप बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं. ट्रंप ने एक बयान जारी कर न सिर्फ इस हिंसा की निंदा की है बल्कि अपने ही समर्थकों को घुसपैठिया और दंगाई कह दिया है. हालांकि बुधवार तक ट्रंप, उनकी पार्टी के कई नेता और इवांका ट्रंप इन्हीं समर्थकों को ‘देशभक्त’ कह रहीं थीं.
शुक्रवार सुबह ट्रंप एक बार फिर मीडिया के सामने आए और संदेश जारी किया. ट्रंप ने कहा- सभी अमेरिकियों की तरह मैं भी इस हिंसक तबाही और मारपीट की घटना के प्रति काफी गुस्से में हूं. मैंने तुरंत ही नेशनल गार्ड और फेडरल लॉ एन्फोर्समेंट से बिल्डिंग को सुरक्षित करने और घुसपैठियों को बाहर निकालने का आदेश दिया था. अमेरिका हमेशा से लॉ एंड ऑर्डर पसंद करने वाला देश है और हमेशा ऐसा ही रहेगा.
ट्रंप ने आगे कहा कि जो भी लोग इस हिंसा में शामिल थे वे हमारे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, जिन्होंने भी कानून तोड़ा है उन्हें इसकी सजा मिलेगी. चुनाव ख़त्म हो गए हैं और अब हमें बाकी कामों पर फोकस करना होगा. मेरे केम्पेन ने सभी कानूनों से इन चुनाव नतीजों को चैलेंज करने की कोशिश की है और अब आगे बढ़ने का वक़्त है. मैं अमेरिका में चुनाव प्रक्रिया के सुधार का समर्थक हूं और इसके पक्ष में आवाज़ उठाता रहूंगा.
ट्रंप को हमेशा के लिए बैन कर सकता है फेसबुक
बुधवार को अमेरिकी संसद भवन पर हमले के बाद फ़ेसबुक और ट्विटर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पाबंदी लगा दी थी. लेकिन अब फ़ेसबुक ने ट्रंप पर अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगा दी है. फ़ेसबुक के प्रमुख मार्क ज़करबर्ग ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. मार्क ज़करबर्ग ने अपने बयान में कहा कि पिछले 24 घंटों की चौंकाने वाली घटनाओं ने साफ़ कर दिया है कि निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के बचे हुए दिनों का इस्तेमाल अपने चयनित उत्तराधिकारी जो बाइडन को शांतिपूर्ण और क़ानूनी तरीक़े से सत्ता हस्तांतरण को बाधित करने के लिए करना चाहते हैं.
ट्रंप ने अपने समर्थकों की निंदा करने के बजाए संसद भवन पर हमला करने के लिए उनको शाबाशी देने के लिए इस प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल किया. ट्रंप की इस हरकत ने ना सिर्फ़ अमेरिका बल्कि दुनिया भर के लोगों को चिंता में डाल दिया है. ज़करबर्ग ने आगे कहा, हमलोगों ने कल उनके बयान को हटा दिया था क्योंकि हमने यह तय किया था कि उनके बयान का असर और मक़सद और हिंसा भड़काना है. “हमें यक़ीन है कि इस दौरान राष्ट्रपति को इस प्लेटफ़ॉर्म को इस्तेमाल करते रहने की इजाज़त देने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है. इसलिए हमलोगों ने राष्ट्रपति की फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगी पाबंदी को अनिश्चितकाल के लिए और कम से कम अगले दो हफ़्तों के लिए जबतक कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीक़े से नहीं हो जाता, बढ़ाने का फ़ैसला किया है.”
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