नई दिल्ली। हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक में 11300 करोड़ नहीं बल्कि 12622 करोड़ रुपये का महाघोटाला किया है। पीएनबी की ओर से सोमवार देर रात स्टॉक एक्सचेंज को नीरव मोदी की ओर से 204 मिलियन डॉलर यानी 1,322 करोड़ रुपये के एक और फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई। जिसके बाद यह महाघोटाला बढ़कर 12622 करोड़ का हो गया है।
2017 में पीएनबी को करीब 1320 करोड़ का फायदा हुआ था जो नए सामने आए फ्रॉड के करीब-करीब बराबर है। पीएनबी ने सोमवार रात को स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी। माना जा रहा है कि कुछ और लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का पता चला है जिसके जरिए पैसे निकाले गए हैं।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने 11,00 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता को समन किया है। ईडी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के कार्यकारी निदेशक के वी ब्रह्माजी राव से पूछताछ कर यह समझने का प्रयास किया कि कैसे यह घोटाला पकड़ा गया। साथ ही उनसे बैंकिंग प्रक्रियाओं के बारे में पूछा गया। पंजाब नेशनल बैंक ने आरोपी डायमंड कारोबारी नीरव मोदी से लोन की रकम चुकाने के लिए कंक्रीट प्लान पूछा है। नीरव मोदी द्वारा पहले लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए बैंक ने कहा कि उसकी तरफ से कभी भी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी नहीं किए गए हैं। बैंक ने जवाब में लिखा कि एलओयू जारी करने में बैंक का कोई रोल नहीं है। यह कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों ने गैरकानूनी तरीके से जारी किए। नीरव और उसकी तीन सहयोगी कंपनियों को बैंक की तरफ इस तरह की कोई सुविधा नहीं मिली थी। जब बैंक को इस घोटाले की जानकारी हुई कि लोन देने में फेमा कानून का उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग हुई है तो फिर उसने समस्त एजेंसियों को इसकी जानकारी दी।
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