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प्रदेश में इंग्लैंड से लौटे 100 से ज्यादा लोग… अकेले रायपुर में ही 40 से ज्यादा…

छत्तीसगढ़ में 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच प्रदेश के लगभग सौ से ज्यादा लोग यूके से यात्रा करके लौटे हैं। इसमें राजधानी रायपुर के अलावा दुर्ग, भिलाई, जांजगीर चांपा, कोरबा, गुंडरदेही जैसे इलाकों के लोग हैं। ये सभी दिल्ली के जरिए राजधानी और अन्य शहरों तक पहुंचे हैं। हेल्थ विभाग अब जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन के जरिए इन सभी के एक्टिव सर्विलांस के जरिए कांटेक्ट ट्रेसिंग और टेस्ट करवाने जा रहा है।

इनमें से जो लोग आरटीपीसीआर टेस्ट में पाॅजिटिव आएंगे, उनमें यह पता लगाना जरूरी है कि वे साधारण कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, या फिर ब्रिटेन में फैल रहे घातक स्ट्रेन-2 वायरस से। लेकिन प्रदेश में इसका पता लगाने के इंतजाम नहीं है। ऐसे लोगों के सैंपल वायरोलाॅजी लैब, पुणे भेजने होंगे।



वहां से रिपोर्ट आने में तीन-चार दिन लगेंगे। अर्थात, तब तक यह साफ नहीं हो पाएगा कि जो लोग पाॅजिटिव आए, उनमें घातक वायरस वाले कितने हैं। ब्रिटेन से आने वालों की जो सूची अब तक मिल पाई है, उसके मुताबिक सौ से भी अधिक लोगों में से 44 से ज्यादा लोग राजधानी रायपुर में आए हैं।

ये रायपुर के बैरन बाजार, शताब्दी नगर, टाटीबंध, तेलीबांधा जैसे इलाकों के रहवासी है। एक दर्जन लोग भिलाई, दस से ज्यादा लोग दुर्ग, दो लोग कोरिया जैसे इलाकों के है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक पिछले 30 दिन में ब्रिटेन से प्रदेश में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए अनिवार्य रूप से की जाएगी। अगर सैंपल पॉजिटिव आते हैं, तब यह पता लगाना जरूरी हो जाएगा कि यह नया म्यूटेंट वायरस तो नहीं है।

डाक्टरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ से ऐसे सैंपल वायरोलाॅजी लैब, पुणे भेजना ही ज्यादा सुविधाजनक रहता है। लेकिन जांच के नतीजे देर से आएंगे, इसलिए ऐसे लोगों का इलाज तुरंत करना होगा।

ब्रिटेन से आए लोगों के संपर्क वाले भी तुरंत करवाएं टेस्ट
हेल्थ विभाग ने लगातार दूसरे दिन अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि ऐसे लोग पिछले तीस दिन में ब्रिटेन से आने वाले लोगों के कांटेक्ट में आएं हैं, वो अपनी आरटीपीसीआर जांच जरूर करवाएं। संपर्क में आने की जानकारी 104 नंबर पर भी जरूर दें। इसके अलावा ब्रिटेन से आने की जानकारी छिपाने वाले लोगों को भी कहा गया है कि वो अपने आने की जानकारी प्रशासन को जरूर बताएं। इसके लिए 104, 112 नंबर पर जानकारी दी जा सकती है।



सवाल – स्ट्रेन 2 का हमारे यहां कितना डर?
कोरोना वायरस सार्स फैमिली का एक आरएनए वायरस है। इसलिए इसमें तेजी से बदलाव हो रहा है। ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने 17 तरह के बदलाव इसमें देखे हैं, जिनपर रिसर्च चल रहा है। स्ट्रेन-2 तेजी से फैलता है, लेकिन मृत्यु दर कम है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड वाॅश से इससे बच सकते हैं।

सवाल – मैं कैसे पता करूं मुझे कौनसा स्ट्रेन?
पिछले 30 दिन मेंं ब्रिटेन से नहीं आए हैं, या वहां से आए किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं हैं तो स्ट्रेन के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं। स्ट्रेन-2 है या नहीं ये एडवांस लैब में ही पता चलता है। विदेश से आए नागरिकों के सैंपल पुणे या आरसीएमआर की संबद्ध लैब में, जहां डीएनए सिक्वेंसिंग होती है, वहां भेजेंगे।



स्ट्रेन-2 के मामले में संतुष्टि कैसे होगी?
“स्ट्रेन के प्रकार को तकनीकी और विशेषज्ञों पर छोड़ दें, क्योंकि इस पर लगातार रिसर्च चल रही है। इस चिंता के बगैर कोरोना जांच करवाएं कि कौन सा स्ट्रेन है। रिपोर्ट पाजिटिव आएं तो इलाज करवाएं, यही काफी है।”
-डॉ. नितिन नागरकर, डायरेक्टर, एम्स

नए स्वरूप में फैलने की क्षमता ज्यादा: सिंहदेव
सदन में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि हाल ही में ब्रिटेन से 100 से ज्यादा यात्री प्रदेश में लौटे हैं, इनमें से 44 रायपुर आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि नए ‌वेरिएंट में फैलने की क्षमता ज्यादा है, लेकिन सरकार पूरी तरह से सजग और अलर्ट है।

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