नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच अब रोजगार के क्षेत्र (Employment Sector) में अच्छी खबरें आनी शुरू हो गई हैं. राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के आंकड़ों में लगातार सुधार हो रहा है. दरअसल, जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियों (Economic Activities) में सुधार हो रहा है, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर (Jobs Opportunities) भी बढ़ रहे हैं.
इसी कड़ी में एक सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-मार्च 2021 के दौरान दिसंबर 2020 में खत्म हो रही तिमाही के मुकाबले ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी. मैनपावर ग्रुप एंप्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में रोजगार के बढ़ने की उम्मीद है. इस सर्वे में देश की 1,518 कंपनियों (Employers) को शामिल किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में रोजगार के क्षेत्र में 5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी.
इन सेक्टर्स में तेजी से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
सर्वे में दिसंबर तिमाही के मुकाबले नई नौकरियों के मामले में 2021 के पहले तीन महीनों के दौरान दो फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है. साथ ही कहा गया है कि फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में सबसे ज्यादा नियुक्तियां होंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, इनके अलावा सभी सेक्टर्स में इस तिमाही में नेगेटिव ग्रोथ (Negative Growth) रह सकती है.
मैनपावर इंडिया के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा कि भारत के कॉरपोरेट (Corporates) में रिकवरी के अच्छे संकेत दिख रहे हैं. बाजार में सकारात्मक माहौल दिख रहा है. भौगोलिक स्थिरता, अर्थव्यवस्था में विविधता जैसे ढांचागत कारणों ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को स्थिर रखा है.
6-9 माह के भीतर नियुक्तियों में होगी बढ़ोतरी
गुलाटी ने कहा कि सरकार के कदमों, निजी सेक्टर (Private Sector) को बढ़ावा देने के लिए नीतियों पर ध्यान देना, प्रतिसपर्धा और आत्मनिर्भरता का भी अर्थव्यवस्था पर असर होने की उम्मीद है. उनके मुताबिक, त्योहारी सीजन (Festive Season) से भारतीय अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.
कंपनियां भी सकारात्मक रुख दिखा रही हैं. अगले छह से नौ महीनों में नियुक्ति में दोबारा बढ़ोतरी की उम्मीद है. मैनपावर ग्रुप के सर्वे के मुताबिक, करीब 65 फीसदी नियोक्ताओं ने कहा कि वह अगले नौ महीनों में कोविड-19 के पहले की नियुक्ति पर वापस आ सकते हैं. बता दें कि दिसंबर तिमाही में नई नौकरियों का स्तर 44 फीसदी था.
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