छत्तीसगढ़ में अब थर्ड जेंडर (किन्नरों) को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है। साथ ही इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को दिशा-निर्देश तय कर जल्द आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। ऐसा आदेश जारी करने वाला संभवत: छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा।
शासकीय सेवाओं में नही था प्रावधान
राज्य की शासकीय सेवाओं में पहले थर्ड जेंडर को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं था। अब ऐसे शासकीय सेवक जिनकी संतान या आश्रित थर्ड जेंडर वर्ग के हैं, उनके अभिभावक की सेवा में रहने के दौरान मृत्यु होने पर नियुक्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे आवेदकों की समस्याओं को देखते हुए निर्देश जारी किए हैं।
थर्ड जेंडर बोर्ड का गठन करने वाला भी पहला राज्य
थर्ड जेंडर के लिए बोर्ड का गठन करने वाला भी छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। इसके साथ पुलिस भर्ती में भी थर्ड जेंडर के लिए अवसर देने वाला दुनिया का पहला राज्य था। हालांकि, परीक्षा से पहले ही भर्ती को निरस्त कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त राज्य में थर्ड जेंडर की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
अभी राज्य में ये योजनाएं संचालित
- नगर निगम व नगर पालिका से आवंटित होने वाली दुकानों में 2 फीसदी आरक्षण
- थर्ड जेंडर समुदाय के व्यक्तियों को 3 फीसदी ब्याज पर लोन
- इंदिरा गांधी मुक्त राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (इग्नू) से निशुल्क शिक्षा का प्रावधान
- अंत्यवसायी योजना के पात्रता में थर्ड जेंडर व्यक्ति को शामिल किया गया है
- थर्ड जेंडर व्यक्तियों के मुद्दे के त्वरित समाधान के लिए विभागीय टाक फोर्स का गठन किया गया है
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