स्थगन के जरिए विपक्ष ने की चर्चा की मांग
रायपुर। विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल खत्म होते ही शून्यकाल के दौरान सुकमा नक्सल अटैक का मामला सदन में गूंजने लगा। प्रदेश में लगातार हो रही नक्सली वारदातों पर स्थगन के जरिए विपक्ष ने चर्चा की मांग की। विस में भूपेश बघेल ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद भी नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम कैसे दे दिया। उन्होंने कहा कि जबकि नक्सली हमले का अलर्ट भी जारी किया गया था, लेकिन अलर्ट के बाद भी सतर्कता नहीं बरती गई। गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि नक्सलियों की गतिविधियों पर सरकार ने अंकुश लगाया है। उन्होंने कहा कि 2016 में सुरक्षाबलों के साथ 211 मुठभेड़ हुए थे। इस मुठभेड़ में 150 माओवादियों को मारने में सुरक्षाबलों ने कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि 135 माओवादियों की बॉडी भी फोर्स ने रिकवर की। उन्होंने कहा कि सुकमा में बड़े नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। घायल जवानों को उठाए जाने के दौरान 2 जवान शहीद हो गए. मुठभेड़ में 11 जवान घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल भेज्जी में हुई बड़ी नक्सली घटना के बाद भी इस इलाके में सड़क बनाने में कामयाबी मिली है. ये नक्सलियों की बटालियन एक का कोर एरिया है।
गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने एक हजार राउंड फायरिंग की, जिसमें दर्जनों नक्सली मारे गए हैं। एसटीएफ, डीआरजी के जवानों ने वीरता से नक्सलियों का मुकाबला किया है. गृह मंत्री ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही कोबरा की टीम को मौके पर भेज गया था, घायल जवानों को भेज्जी थाना लाया गया था और वहां से हेलीकॉप्टर से रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया गया. अभी घायल जवानों की हालत बेहतर है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ सरकार आक्रामक अभियान चला रही है. एक हजार 5 सौ 89 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इससे सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद है। भूपेश बघेल ने कहा कि गृहमंत्री घायल जवानों से मिलने अस्पताल तक नहीं गए।
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