रायपुर। विश्वव्यापी कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीन माह में लगे कड़े लाकडाउन के चलते मध्यम वर्गीय परिवारों की हालत दयनीय हो गई है। जहां उच्च वर्ग में शामिल लोग अपनी जमा पूंजी के आधार पर घर के खर्च चलाते रहे हैं वहीं श्रमिक वर्ग को केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
उक्त संबंध में मध्यम वर्गीय उत्थान मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. योगेश चंद्र मिश्रा ने प्रतिनिधि को जानकारी देते हुए बताया कि बड़ों को एवं श्रमिक वर्ग को लाकडाउन में जहां अनेक सुविधाएं मिली वहीं मध्य वर्गीय परिवारों को बैंकों की ईएमआई बिजली का बिल स्कूल की फीस सहित अन्य मुद्दों पर किसी प्रकार की राहत नहीं मिली।
कोरोना वायरस महामारी का सबसे बड़ा नुकसान मध्यम वर्गीय परिवारों को उठाना पड़ रहा है। वह उच्च वर्ग एवं श्रमिक वर्ग के बीच बुरी तरह पीसा जा रहा है। सड़कों पर निकलकर शिक्षित होने के कारण मध्यम वर्गीय समाज के लोग सड़कों पर निकलकर अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए ना तो नारेबाजी कर सकते हैं न ही किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन कर सकते हैं।
जिसका पूरा पूरा लाभ उठाने में राजनीतिक दल कोई कमी नहीं कर रहे हैं। मध्यम वर्गीय उत्थान मंच के अनेक सदस्यों ने केंद्र एवं राज्य शासन से मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए नई योजना अथवा नया पैकेज तत्काल प्रभाव से जारी करने की मांग की है।
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