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‘राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस’ के अवसर पर इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए हुआ वेबीनार

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 72 वें स्थापना दिवस के अवसर पर, अभाविप छत्तीसगढ़ के तकनीकी आयाम के द्वारा “रोल ऑफ इंजीनियर्स टू काउंटर द टेक्नो इकोनॉमिक वारफेयर बाय चाइना “के ऊपर वेबीनार का आयोजन किया गया।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य:- इंजीनियरिंग के छात्रों को चाइना से चल रहे तकनीकी एवं आर्थिक युद्ध में उनकी भूमिका को अवगत कराने पे था। कार्यक्रम में 90 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डाटा साइंस के क्षेत्र में शोधकर्ता शुभम जुनेजा, एवं युवा उद्यमी और स्पान यूनिवर्सल के सीईओ आदित्य बोग्गाबरपु रहे ।



शुभम जुनेजा ने अपने संबोधन में कहा की इंजिनीरिंग के छात्रों को जीवन मे हमेशा सीखते रहना चाहिए, किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सबसे पहले स्किल को निखारना पड़ेगा, स्किल निखारते समय अपने प्रगति को कैसे मापे! इस पर भी उन्होंने बात की।

उन्होंने यह भी कहा कि- ‘आज चाइना से जो तकनीकी एवम आर्थिक युद्ध चल रहा है इसमें भारत को जिताने में इंजीनियर्स की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी, चाइना जिस प्रकार इलेक्ट्रॉनिकस उपकरण भारत मे डंप करता है अब समय आ गया है कि लोकल उद्यमियों को बढ़ावा देकर इसे रोका जाए।



वेबिनार के दूसरे वक्ता आदित्य ने अपने संबोधन में कहा कि- ‘भारत युवाओ का देश है , भारत के युवाओं में चाइना के युवाओं से अधिक क्षमता है बस इसे तराशने की जरूरत है. भारत के युवा खास कर के इंजीनियर्स चाइना के साथ जो तकनीकी एवम आर्थिक मोर्चे पर जो युद्ध चल रहा है उसमें भारत के तरफ अपनी आहुति टेक्नोलॉजी के माध्यम से दे सकते हैं.

क्योंकि भारत की टेक्नोलॉजी चाइना की टेक्नोलॉजी से कही ज्यादा आधुनिक हैं चाहे मेडिकल साइंस के क्षेत्र में हो या टेक्निकल साइंस के क्षेत्र में हो इसका वर्णन आदिकाल से हमारे ग्रंथो एवं शास्त्रों में है. अब वक्त है कि, हम अपनी ताकत को पहचाने, किसी से भी मुकाबला करने से पहले अपने आप को ताकतवर बनाना पड़ेगा अथार्थ सबसे पहले अपने स्किल को बढ़ाना पड़ेगा इसके लिए शुरुवात से ही मेहनत करना पड़ेगा’।



उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इंजीनियरिंग लाइफ के दो प्रोजेक्ट जो कि रियल टाइम प्रॉब्लम का समाधान होता है. उसे थिशीष बनाकर लाइब्रेरी में सजाने का काम नही करना है उसे शोध के काम में लगाना है. उस प्रोजेक्ट को ज़मीन पर उतारना है जिससे हमारे साथ हमारे देश का भी भला हो सके और हम दुनियां की किसी भी ताकतवर अर्थव्यवस्था से मुकाबला कर सके.

ज़रूरी नहीं की देश सेवा के लिए आप सेना में भर्ती हो आप इकोनॉमी सोल्जर के रूप मे भी देश का सेवा कर सकते हैं । अन्त में दोनों वक्ताओं ने सभी को राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में अभाविप से ज्ञानप्रकाश चंद्राकर, हर्ष सौदर्शन, राहुल झा, सिद्धेश चितनवीस, अर्श तिवारी उपस्थित थे ।

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