
आईपीएल 12 का समापन रोमांचक अंदाज में हुआ और रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस ने मैच की अंतिम गेंद पर बाजी मारकर चौथी बार खिताब पर कब्जा कर लिया। सच कहा जाए तो इस बार मुंबई का आईपीएल चैंपियन बनना पहले से ही पक्का था। यकीनन चेन्नई और मुंबई के बीच खेले गए इस फाइनल का इतिहास के आधार पर ही फैसला हुआ है।
एक-एक साल के अंतराल पर मिली खिताबी जीत
IPL 12 के फाइनल से पहले ही यह तय माना जा रहा था कि एक बार फिर रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस अपने विरोधी को पटखनी देकर चैंपियन बन सकती है। इसकी असली वजह ये थी कि उनकी टीम ने 2013, 2015 और 2017 में खिताबी जीत हासिल की। साफ है कि तीन बार से एक साल के अंतराल में मुंबई को आईपीएल की चमचमाती ट्रॉफी उठाने का मौका मिल रहा था।
वहीं, पिछले साल यानी 2018 में लीग राउंड में बाहर होने वाली मुंबई इंडियंस ने इस बार अपने दमदार प्रदर्शन से फाइनल में जगह बनाई तो लगा कि वह एक बार फिर चैंपियन बन सकती है और ऐसा ही हुआ। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस ने 7 साल के अंतराल में चौथी बार खिताब पर कब्जा किया है।
100 से ज्यादा छक्के हैं जीत की गारंटी
मुंबई इंडियंस ने जब-जब एक सीजन में 100 से ज्यादा छक्के लगाए हैं तब-तब उसे जीत मिली है। 2013 में उसने 117, 2015 में 120, 2017 में 117 और इस बार उसने 115 छक्के लगाए हैं। साफ है एक सीजन में मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों द्वारा 100 से ज्यादा छक्के लगाना जीत की गारंटी है।
आईपीएल के इतिहास में एक बार फिर खिताब टॉस जीतने वाली टीम के नाम रहा। इससे पहले खेले गए 11 खिताबी मुकाबलों में से आठ बार टॉस जीतने वाली टीम ने बाजी मारी थी। जबकि मुंबई की जीत के साथ ऐसा 9वीं बार हुआ है। यानि टॉस ही आईपीएल में आपको बॉस बनाता है।
धोनी पर फिर रोहित पड़े भारी
आईपीएल के फाइनल मुकाबले में धोनी और रोहित शर्मा चौथी बार आमने सामने थे। 2013 और 2015 में रोहित की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस ने धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स को मात दी थी।
इसके बाद 2017 में मुंबई इंडियंस ने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स को मात देकर खिताबी हैट्रिक पूरी थी। हालांकि इस बार टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ थे, लेकिन धोनी के पास टीम के विकेटकीपर की जिम्मेदारी थी। जबकि मौजूदा सीजन में एक बार फिर मुंबई और चेन्नई का सामना हुआ तो लग रहा था कि रोहित बीस साबित हो सकते हैं और अंतत: ऐसा ही हुआ।
मुंबई इंडियंस ने जड़ा जीत का चौका
आईपीएल 12 में मुंबई पलटन के सामने महेंद्र सिंह धोनी के ‘सुपरकिंग्स’ की नहीं चली। इस बार दोनों लीग मैचों में चेन्नई को मुंबई से हार मिली तो पहले क्वालिफायर में भी वह हार बैठे।
इसके बाद फाइनल में भी रोहित ने धोनी की टीम को मात देकर ना सिर्फ चौथी बार खिताब पर कब्जा किया है, बल्कि वह आईपीएल के एक सीजन में विरोधी को चार बार हराने वाली दूसरी टीम बन गई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड चेन्नई के ही नाम था, जिसने पिछले साल सनराइजर्स हैदराबाद को 4-0 से हराया था।
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