
महासमुंद : नाबालिग से अनाचार के मामले में आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने खल्लारी थाना क्षेत्र के ग्राम बीकेबाहरा निवासी 34 वर्षीय रामप्रसाद बरिहा पिता भगवान सिंह बरिहा को पाक्सो एक्ट की धारा 5 (2) (ठ)/ 06 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अर्थदंड की राशि अदा न करने पर 6 माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा। अभियोजन के अनुसार आरोपी 31 दिसंबर 2020 से 4 अप्रैल 21 तक नाबालिग से संबंध स्थापित करता रहा।
4 अप्रैल 21 की रात्रि पीडि़ता की मां रात्रि साढ़े 10 बजे लघुशंका के लिए उठी तो देखा कि गांव का रामप्रसाद बरिहा उसकी लडक़ी को हाथ पकडक़र बाहर ले जा रहा था। पूछताछ करने पर आरोपी भाग खड़ा हुआ।
पुत्री से पूछताछ की तो बताया कि शादी का प्रलोभन व आत्महत्या की धमकी दे 31 दिसंबर 20 से वह अनाचार करता रहा है। मामला कोर्ट में पेश किया था। आरोपी को सजा सुनाई गई। मामले में अभियोजन की ओर से सलीम कुरैशी अतिरिक्त लोक अभियोजक ने पैरवी की।