रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने राज्य की जनता के नाम एक पाती लिखी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा है कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना के संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। ये कुछ दिनों की बात है। सब ठीक हो जाएगा। सरकार ने पूरी व्यवस्था कर रखी है। क्वारंटाइन अवधि पूरा कर अपने गांव और घर लौटने वाले भाई-बहनों से कोरोना संक्रमण का किसी भी तरीके का खतरा नहीं है। इनके गांव घर लौटने पर संक्रमण को लेकर अपने मन में किसी भी तरीके का संशय न रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि क्वॉरंटाईन सेंटर से 14 दिन का क्वॉरंटाईन पूरा करके श्रमिक भाई-बहनों का अपने गांव घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ जगह से ऐसी सूचना आयी हैं कि गांव के लोग इन्हें वापस गांव में प्रवेश देते समय मन में संशय रख रहे हैं। संशय या संदेह की कोई बात नहीं हैं, ये आपके भाई, बहन हैं, स्वस्थ हैं और 14 दिन का क्वारंटाईन पूरा करके आए हैं। आप इस बात को समझे कि अब इनसे गांव में संक्रमण का कोई खतरा नहीं हैं। मुझे पूरा विश्वास हैं कि आप इस बात को समझेंगे।
उन्होंने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। कल तक 56 ट्रेनों के माध्यम से 76 हजार 772 श्रमिक वापस छत्तीसगढ़ लौटे हैं। ट्रेनों सहित अन्य माध्यमो से अब तक 2 लाख 44 हजार 686 श्रमिकों की सकुशल वापसी हो चुकी है। वर्तमान में ट्रेनों के आने का सिलसिला चालू है।
अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटे श्रमिकों को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक स्थापित कुल 19 हजार 216 क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है। वर्तमान में 2 लाख 3 हजार 581 श्रमिक एवं परिवार के लोग ठहरे हुए हैं। राज्य में स्थापित क्वारेंटीन सेंटरों की कुल क्षमता 7 लाख 6 हजार 416 है।
क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे श्रमिकों के भोजन, पेयजल, चिकित्सा की व्यवस्था के साथ मनोरंजन के लिए टीवी, रेडियो का इंतजाम भी किया गया है। साथ ही वहां योगा एवं खेलकूद की गतिविधियां भी संचालित की जा रही है। कई क्वारेंटीन सेंटर में श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए स्थानीय शिक्षित युवाओं के सहयोग से कक्षाएं भी संचालित की जा रही है।
श्रमिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बस्ती से दूर सार्वजनिक भवनों, ग्राम पंचायत-शाला भवनों और आश्रमों एवं छात्रावासों में स्थापित किए गए हैं, जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी क्वारेंटाईन सेंटरों में आने वाले श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्क्रीनिंग की जा रही है। ऐसे श्रमिक जो रेड जोन से आ रहे हैं, उनकी रैपिड किट से जांच की जा रही है। इसके अलावा आरेंज जोन से लौटे मजदूर जिन्हें सर्दी, जुकाम या खांसी है, उनकी भी जांच की जा रही है। यदि सेंटर में कोई बीमार पड़ता है, तो उसे अलग से कमरे में ठहराने के साथ ही आवश्यकता पडऩे पर अस्पताल के आईशोलेसन वार्ड में रखे जाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा रहा हैै।
क्वारेंटाइन सेंटरों में मानसिक तनाव वाले लोगों की काउंसलिंग की भी व्यवस्था भी की जा रही है। क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे ऐसे श्रमिक, जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह से पीडि़त हैं, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। क्वारेंटाइन सेंटर में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपायों का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटरों की नियमित साफ-सफाई का प्रबंध किया गया है।
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