नई दिल्ली. मानव संसाधन विकास मंत्री (Human Resource Development Minister) रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने लाइव वेबिनार में नई शिक्षा नीति (Education Policy) पर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में इतना बड़ा विमर्श पहली बार हुआ है. करोड़ों लोगों से परामर्श हो रहा है. ग्राम सभाओं से लेकर शिक्षाविदों, राजनेताओं, वैज्ञानिकों से मिले सुझाव के बाद नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है. एचआरडी मिनिस्टर ने कहा कि बिल संसद में पास होते ही देश में नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी.
एचआरडी मिनिस्टर (Hrd Minister) ने कहा कि आज के बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. इसलिए इनको अच्छी शिक्षा और इनकी सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. एचआरडी मिनिस्टर आज ‘चुनौतियों को अवसर के रूप में बदलना’ -विषय पर बोल रहे थे. मंत्री ने कहा कि फाइनल ईयर के अंतिम सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. उन्होंने टीचरों को कोरोना वॉरियर बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ ही कोरोना काल में शिक्षण कार्य आपने जारी कर रखा है. यह कोरोना से एक तरह की लड़ाई है.
Covid 19 – Turning Crisis into Opportunity https://t.co/RatWLLRNhM
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 28, 2020
नीट और जेईई के लिए ऐसे करें तैयारी
उन्होंने कहा कि नीट और जेईई परीक्षा के लिए ‘नेशनल अभ्यास ऐप’ लॉन्च किया गया है, जिसको चार लाख के करीब स्टूडेंट्स ने डाउनलोड किया है. इससे पढ़ाई करने में आसानी होगी. एचआरडी मिनिस्टर ने कहा कि आज जो हम लोग और हमारे छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, यही चुनौतियों पर अवसर खोजना है. पचास हजार डिग्री कॉलेज के प्राचार्यों व प्रिंसिपलों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि इस तरह की पढ़ाई के बारे में देश के लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि घर में रहकर ही पढ़ाई होगी. मंत्री ने कहा कि दीक्षा और ई-पाठशाला को करोड़ों लोग प्रयोग कर रहे हैं. स्वयं दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफार्म बनकर उभरा है. स्वयं के चैनल डीडी समेत सभी निजी केबल सेटअप में आएंगे.
शोध की दिशा में होंगे बड़े काम
एचआरडी मिनिस्टर ने कहा कि जो लोग शोध कर रहे हैं उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है. शोध के लिए देश में शोध सिंधु नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) जैसे पोर्टल मौजूद हैं, जिनमें करोड़ों अनुसंधान अपलोड हैं. इनकी मदद से शोधकर्ता अपने शोध को बेहतर तरीके से कर सकते हैं.
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