
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने निजी कंपनियों को सीलिंग एक्ट में छूट देने के मामले में राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय को घेरा। इस मामले में मंत्री द्वारा दिए गये जवाब को असंतोषजनक बताते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। प्रश्रकाल में कांग्रेस सदस्य भूपेश बघेल ने यह मामला उठाते हुए मंत्री से अपने मूल प्रश्र में पूछा कि राज्य में निजी कंपनियों द्वारा स्थापित की जा रही औद्योगिक, खनन परियोजनाओं में निजी भूमि स्वामियों से आपसी सहमति से क्रय की जा रही भूमियों पर कृषि जोत उच्चतम सीमा अधिनियम (सीलिंग एक्ट) 1960 अंतर्गत छूट प्रदान की गई है क्या। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि यदि हां तो उक्त छूट कब एवं किस प्रावधान अंतर्गत प्रदान की गई है।
इसके जवाब में राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य में औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि क्रय पर कतिपय प्रतिबंधों के अधीन शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा में छूट दी गई है। खनन परियोजनाओं हेतु किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं की गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि छूट छग भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 4 के द्वितीय परंतुक के प्रावधानों के तहत अधिनियम क्रमांक 14 सन 1961 द्वारा प्रदान की गई है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सीलिंग एक्ट के नियमों का उल्लंघन करते हुए राज्य में उद्योगों द्वारा किसानों की निर्धारित से ज्यादा जमीन खरीदी जा रही है। उन्होंने मंत्री से पूछा कि यहां कितने उद्योग है जो एक्ट में निर्धारित से ज्यादा जमीन खरीदी है तथा उन मामलों में क्या कार्रवाही की गई है। राजस्व मंत्री ने बताया कि सीलिंग एक्ट राज्य का एक्ट है और उद्योगों द्वारा किसानों से आपसी सहमति से जमीन खरीद रहे है। मंत्री द्वारा दिए गये जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।