गरियाबंद। ग्राम कामरभैंदी में हुए मंगल सोरी हत्याकांड का पर्दाफाश हो गया है। मृतक के बड़े साले ने अपने 6 सहयोगियों के साथ मिलकर उक्त हत्याकांड को अंजाम दिया था। आरोपी पुलिस की पकड़ से बचने के लिए मृतक को अधमरे हालत में गांव से काफी दूर एकांत में छोड़ दिया था। पीपरछेढ़ी पुलिस ने लगभग माह में ही इस अंधे कत्ल को सुलझा लिया।
गरियाबंद जिले के पीपरछेड़ी थाना अंतर्गत ग्राम कामरभैंदी में यह हत्याकांड लगभग एक माह पूर्व हुआ था। पुलिस अधीक्षक एम आर आहिरे ने इस अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक मंगल सोरी सुरंगपानी गांव का निवासी था। उसका विवाह ग्राम कामरभौंदी की खिरमति से हुआ था।
विवाह के बाद से वह घर जमाई बन गया था। लेकिन बच्चा नहीं होने के कारण दोनों के बीच इस बात को लेकर अक्सर वाद-विवाद होते रहता था। इससे परेशान हो कर मृतक मंगल अकेले ही अपने गांव वापस चला गया था।
मंगल और उसकी पत्नी के मध्य सुलह कराने के लिए समाज एवं परिवार द्वारा 14 फरवरी को ग्राम में सामाजिक बैठक आयोजित की। लेकिन बैठक में भी खिरमति ने मंगल के साथ रहने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। इसके बाद मंगल फिर अपने गांव वापस चले गया।
18 फरवरी को कामरभौंदी में आयोजित ठाकुर राम के घर शादी समारोह में शामिल होने मंगल रात 9 बजे पहुंचा । यहां उसके बड़े साले गंभीर नागेश ने उसे देख लिया, यह देख मंगल चुपचाप शादी समारोह से निकल गया।
लेकिन आरोपी गंभीर नागेश अपने सहयोगियों विष्णु, गोपाल, नरसिंह, गणेश और विधवा के साथ उसका पीछा करते हुए उसे दबोच लिया और हाथ मुक्का और लाठी डंडा से ताबड़तोड़ पिटाई शुरू कर दी। घटनास्थल पर मौजूद गिरधर और तरुण नामक ग्रामीणों द्वारा मंगल को बचाने का भी प्रयास किया लेकिन आरोपी नहीं माने।
काफी पिटाई के चलते मंगल अधमरा हो गया, यह देखकर सभी आरोपियों ने उसे घटनास्थल से काफी दूर घोटिया नाला के पास छोड़ कर चले गए। अत्यधिक खून बह जाने के कारण मंगल की मृत्यु हो गई।
पीपरछड़ी पुलिस हत्याकांड के वास्तविक गुनाहगारों का पता लगाने के लिए लगातार ग्रामीणों से पूछताछ की जाती रही। आखिरकार शनिवार को एक-एक कर सभी आरोपी दबोच लिए गए। सभी आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है।
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