रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने मिनीमाता जयंती के अवसर पर बसस्टैंड पंडरी में प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने मिनीमाता के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सन् 1952 में मिनी माता सांसद बनी थीं। उन्होंने देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया था। छुआछूत मिटाने के लिए उन्होंने इतना काम किया कि मिनी माता को लोग मसीहा के रुप में देखा करते थे।
उनके घर में हर श्रेणी के लोग आते थे और मिनी माता उनकी समस्याओं को हल करने में पूरी मदद करती थीं। ऐसा कहते हैं कि जब वे सांसद के रुप में दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। छत्तीसगढ़ से जो कोई भी दिल्ली में आता, वह निर्जिंश्चत रहता कि मिनी माता का निवास तो है। ठंड के दिनों में मिनी माता ध्यान रखतीं कि कोई भी ठंड से परेशान न हो।
अगर किसी को देखतीं कि ठंड से सिकुड़ रहा है तो उसको कंबल से ढंक देतीं। एक बार तो ऐसा हुआ कि उनके पास खुद को ओढऩे के लिए कंबल नहीं रहा। बहुत ज्यादा ठंड हो रही थी। मिनी माता ने एक सिगड़ी जला कर खाट के नीचे रख दिया, पर सिगड़ ी का धुँआ पूरे कमरे में भर गया और बहुत ज्यादा घुटन हो गई, जिसके कारण मिनी माता बेहोश हो गईं। कई दिन तक चिकित्सालय में रहने के बाद ठीक हुई।
यह भी देखें :
Add Comment