स्पोर्ट डेस्क। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर 86,000 से ज्यादा दर्शक। भारत और ऑस्ट्रेलिया का टी-20 विश्वकप फाइनल मैच। और अपने घर में अपने दर्शकों के सामने ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर खिताब जीत लिया। भारतीय टीम मैच में ना शानदार बैटिंग, ना ही बॉलिंग और ना ही फील्डिंग करती दिखी। इस हार के पीछे आखिर क्या कारण रहे।
टॉस- फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बैटिंग का फैसला किया। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर इस पूरे टर्नामेंट में एक भी बार टॉस नहीं जीत सकी। सभी पांचों मैचों में उन्होंने टॉस गंवाया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम उतनी कामयाब नहीं दिखी है।
बॉलिंग-पूरे टूर्नामेंट में भारतीय गेंदबाज़ों ने कमाल का प्रदर्शन किया। लेकिन फाइनल में हमारी बॉलिंग ही हार का कारण बनी। ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवरों में 185 रन बना दिए। लेकिन भारत ने सिर्फ विश्वकप ही नहीं, वैसे भी कभी भी इतना बड़ा स्कोर चेज़ करते हुए नहीं जीता है। शिखा पांडे ने 4 ओवरों के स्पेल में 52 रन दे दिए। जो कि किसी भी एक स्पेल में टी20 विश्वकप में सर्वाधिक है। उनके अलावा दीप्ति ने 38, राधा ने 34 रन दिए।
फील्डिंग-गेंदबाज़ों ने तो खराब खेल दिखाया ही। हमारी फील्डिंग इस पूरे टूर्नामेंट में खराब रही। फाइनल मैच में पहले ओवर की पांचवी गेंद पर शेफाली ने एलीसा हीली का कैच छोड़ दिया। बाद में एलिसा ने 75 रनों की पारी खेली। उनके अलावा चौथे ओवर में बीथ मूनी को भी गायकवाड़ ने जीवनदान दे दिया। बाद में मूनी ने नॉट-आउट 78 रन बनाए। ये दोनों खिलाड़ी ही हार का कारण बनीं।
बैटिंग ऑर्डर-सौरव गांगुली ने एक बार कहा था कि टी20 में आपके जो सर्वश्रेष्ठ प्लेयर्स हैं। उन्हें सबसे अधिक गेंदें खेलनी चाहिए। लेकिन विमेन्स टीम के साथ ऐसा नहीं हुआ। फाइनल में बड़े स्कोर के दबाव में शैफाली पहले ओवर में ही आउट हो गईं। इसके बाद वन-डाउन पर तानिया खेलने आ गईं। लेकिन यहीं पर बड़ी गलती हुई। नंबर तीन पर कप्तान हरमन को उतरना चाहिए थे। जिससे की वो स्मृति के साथ मिलकर रन बनातीं। लेकिन टीम का बैटिंग ऑर्डर समझ से बाहर रहा।
मैच प्रेक्टिस नहीं-आठ मार्च को टी20 फाइनल खेलने से पहले टूर्नामेंट का आखिरी मैच आठ दिन पहले खेला था। भारतीय टीम आखिरी बार मैदान पर 29 फरवरी को श्रीलंका के खिलाफ आखिरी ग्रुप स्टेज का मैच खेलने उतरी थी। इसके बाद पांच मार्च को भारत को सेमीफाइनल खेलना था। लेकिन बारिश की वजह से टीम नहीं खेल सकी। जिसकी वजह से भारत लंबे गैप के बाद फाइनल खेला, और टीम के प्लेयर्स पुरानी लय में नहीं दिखीं।
भारतीय टीम 2017, 2018 के बाद एक बार फिर से आईसीसी टूर्नामेंट के नॉक-आउट में पहुंचकर हार गई है। अब बस यही उम्मीदें की जा सकती है कि टीम आगे सीरीज़ में ऐसी गलतियां ना दोहराए।
यह भी देखें :
धोनी के भविष्य को लेकर BCCI ने किया साफ… WORLD CUP टीम में कैसे होगी वापसी…
Add Comment