नई दिल्ली। नौकरी करते है तो ये खबर पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी है। दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारियों की न्यूनतम मासिक पेंशन (Pension) को 1000 रुपए से दोगुना कर 2,000 रुपये करने पर आज (5 March 2020) फैसला ले सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को पेंशन में बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग प्रस्तावों में से किसी एक प्रस्ताव पर सहमति बनाने को कहा है। आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (मूल वेतन जोड़ महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत PF में जाता है।
इतना योगदान कंपनी भी करती है। लेकिन कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8।33 फीसदी EPS (Employee Pension Scheme) में जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी इसमें मूल वेतन का 1।16 प्रतिशत का योगदान देती है।
क्या बदलेगा?
वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से एक प्रस्ताव पर सहमति बनाने को कहा है। श्रम मंत्रालय और यूनियन ने पेंशन की अलग अलग सिफारिश की है। श्रम मंत्रालय ने मिनिमम पेंशन एक हज़ार से बढ़ाकर 2 हज़ार करने का प्रस्ताव दिया है।
वहीं, लेबर यूनियन ने मिनिमम पेंशन 3000 रुपये करने की मांग की है। गैर संगठित क्षेत्र की तर्ज पर संगठित क्षेत्र की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग है। वित्त मंत्रालय को यूनिवर्सल पेंशन में भी बढ़ोतरी के प्रस्ताव दिया गया है।
आज होने वाली बैठक में हो सकता है फैसला
CBT अब नए प्रस्तावों पर सहमति बनाएगी। 5 मार्च की बैठक में FY20 के लिए पीएफ पर ब्याज़ दर का भी फैसला होगा। बैठक में अगर प्रस्ताव पास होता है तो वित्त मंत्रालय इस पर फैसला लेगा।
लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने हाल में एक सवाल के जवाब में बताया था कि मिनिमम पेंशन बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। इससे सरकारी खर्च बढ़कर 5955 करोड़ रुपये हो जाएगा। हालांकि इससे करीब 39।72 लाख पेंशनरों को फायदा होगा।
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