शेयर बाजार में निवेश हमेशा रिस्की होता है. फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में हर रोज निवेशकों के पैसे डूब रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार भी कोरोना वायरस से पस्त है, खासकर चीन को इस वायरस ने जो झटका दिया है उससे देश को उबरने में लंबा वक्त लगेगा।
शेयर बाजार में भूचाल के बीच निवेशक सुरक्षित निवेश के ठिकाने को ढूंढ रहे हैं। ऐसे में सोना निवेशक के लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। इस बीच मोदी सरकार एक बार फिर आम आदमी को सोने में निवेश का मौका दे रही है। सोने में निवेश के लिए यह वित्तीय वर्ष (2019-20) में आखिरी मौका है।
दरअसल, मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 में निवेश के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार की ओर से ये गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए 10वीं सीरीज है। गोल्ड में निवेशक कल यानी सोमवार से निवेश कर सकते हैं।
आरबीआई के मुताबिक निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 2 मार्च से 6 मार्च तक निवेश कर सकते हैं। यह चालू कारोबारी साल की आखिरी सीरीज है। इस बार गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,260 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित किया गया है। निवेश आवेदन का सेटलमेंट 11 मार्च 2020 को हो जाएगा, यानी निवेशकों को इस दिन बॉन्ड मिल जाएगा।
सरकार ने गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन तरीके से आवेदन और भुगतान करने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का फैसला किया है। यानी अगर आप डिजिटल मोड में पेमेंट करते हैं तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। छूट के बाद गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 4,210 रुपये होगा।
बता दें, दिल्ली में शनिवार को सोने का भाव 42,870 रुपये प्रति 10 ग्राम था। यानी प्रति 10 ग्राम के लिहाज से नए सीरीज का गोल्ड बॉन्ड 770 रुपये सस्ता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सोना खरीदकर घर में नहीं रखा जाता है बल्कि बॉन्ड में निवेश के तौर पर इस्तेमाल करना होता है। बॉन्ड आधारित सोने की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से तय होती है।
गौरतलब है कि साल 2015 में मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की सीरीज के तहत समय-समय पर लोगों को गोल्ड बॉन्ड खरीदने का मौका दिया जाता है। इसकी खासियत यह है कि गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे रेट से कम होती है।
क्या हैं शर्तें
हालांकि स्कीम के तहत गोल्ड बॉन्ड को खरीदने की कुछ शर्तें भी हैं। पहली शर्त है कि कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम के गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं इस बॉन्ड में न्यूनतम निवेश एक ग्राम है। इसके निवेशकों को टैक्स पर भी छूट मिलती है। इसके अलावा स्?कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है।
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