नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा अब थम जरूर गई है, लेकिन जो तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं वो दिल दहलाने वाली हैं।
दिल्ली हिंसा में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों की तादाद में लोग घायल हैं। अभी भी हिंसा प्रभावित इलाकों में लाशों का मिलना जारी है।
जली हुई इमारतें, मलबे का ढेर हो या फिर नाले हर जगह हिंसा के निशान छूट गए हैं। जिनके अपने हिंसा के बाद से लापता हैं वो पुलिस के साथ तलाश में लगे हुए हैं।
हिंसा थमने के बावजूद दिल्ली में अभी भी लोगों में दशहत हैं और वे अपने घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। यहां तक कि रात-रातभर जगकर अपने घरों की सुरक्षा में तैनात हैं।
सुरक्षाबल हिंसा प्रभावित इलाकों में जाकर मार्च निकाल रहे हैं और लोगों से शांति की अपील की जा रही है। वहीं, अस्पताल में लोग अपनों को तलाश रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा ने कई इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि जरूरी सामान, मेडिकल, सब्जी की दुकानें खोली जा सकती हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की कि डरने की कोई भी जरूरत नहीं है, पुलिस लोगों की मदद के लिए हर वक्त तैनात है। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि पुलिस ने अब 48 एफआईआर दर्ज की हैं।
AAP पार्षद ताहिर हुसैन के सवाल पर दिल्ली पुलिस ने कहा सभी केस की सभी एंगल से जांच होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा के कई सीसीटीवी खंगाले हैं।
पुलिस का कहना है कि कई लोगों की पहचान हुई है। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में फिलहाल शांति है। अमन कमेटी की मीटिंग चल रही है।
मालूम हो कि दिल्ली के मौजपुर इलाके में जहां पर सबसे पहले हिंसा भड़की थी। उस जगह अब सबकुछ शांत होने लगा है, यहां पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने लगी है। हालांकि, अभी भी इलाके में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है।
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