पुणे। सीएए और एनआरसी के पक्ष में उतरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने अभियान शुरू किया है। मनसे कार्यकर्ता शहर के उन इलाकों में जा रहे हैं, जहां कथित रूप से बांग्लादेशी रहते हैं। मनसे कार्यकर्ता वहां रहने वाले लोगों से नागरिकता के सबूत मांग रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पुणे शहर के धनकवड़ी इलाके में बड़ी संख्या में किराये पर लोग रहते हैं। मनसे कार्यकर्ताओं ने इनसे भारतीय नागरिक होने के सबूत मांगे हैं। यहां पर जो लोग दस्तावेज मनसे कार्यकर्ताओं को दिखाते हैं उनकी सत्यता की जांच के लिए पुलिस अधिकारी भी इनके साथ रहते हैं।
पुलिस इन दस्तावेजों की जांच कर रही है। मनसे के पुणे शहर प्रमुख अजय शिंदे ने इस बारे में आज तक को जानकारी दी है। शिंदे के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों से मनसे के कार्यकर्ता उन इलाकों में रहने वाले लोगों पर नजर बनाए हुए हैं जहां इन्हें लगता है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं।
शनिवार की सुबह धनकवड़ी इलाके में मनसे कार्यकर्ता पुलिस को साथ लेकर आए और कुछ लोगों से पूछताछ की। जांच के दौरान एक युवा के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। इसे मनसे कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन लेकर गए।
9 फरवरी को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने सीएए और एनआरसी के समर्थन में एक विशाल रैली की थी। इस रैली में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अवैध बांग्लादेशियों को शहर से बाहर करने की मांग की थी।
राज ठाकरे ने कहा कि घुसपैठियों को देश से बाहर निकालकर देश को साफ-सुथरा किया जाना चाहिए। राज ने चेतावनी दी थी कि अगर कुछ लोग सिर्फ शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें जवाब दिया जाएगा।
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