रायपुर। राजिम माघी पुन्नी मेला में संत-समागम का उद्घाटन शनिवार को वृन्दावन के महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी महाराज एवं अन्य साधु-संतों के सानिध्य में प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य एवं सिहावा विधायक श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला में पिछले वर्ष की भांति ही छत्तीसगढ. की संस्कृति, खेल, तीज त्यौहार, बोली और व्यंजनों को समावेश कर मूल पहचान को लौटाने का प्रयास किया गया है। साहू ने यह कहा कि आने वाले वर्षों में मेला के लिए चिन्हित स्थान पर लगाया जावेगा।
इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 25 एकड़ जमीन चिन्हांकन कर लिया गया है। उन्होने ने कहा कि इस नवीन स्थल में मेला में आने वाले लोगों और साधु संतो के लिए आश्रम, आवास और अन्य सुविधाएॅ विकसित किया जावेगा। श्री साहू ने यह भी कहा कि इस स्थल पर राज्य की धार्मिक, एतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को संजोया जाएगा।
मेला के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए कलेक्टर एवं जिला प्रशासन टीम को बधाई दी । वृंदावन से आये योगी नवलगिरी महाराज ने शासन की इस आयोजन की खुलकर सराहना किया। उन्होने कहा कि इस मेले में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का सामावेश करने से यह मेला और भी भव्य हो गया है। अयोध्या से पधारे जालेश्वर महाराज ने कहा कि आज शासन पुन: अपनी मौलिक संस्कृति की ओर लौट रही है।
उन्होने कहा कि शासन ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी जैसे योजना लेकर आयी है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। समारोह में योगीराज स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद (अक्रिय) महाराज-जोधपुर, महंत जालेश्वर जी महाराज- अयोध्या, महंत श्री रामसुन्दरदास जी महाराज अध्यक्ष श्रीराजीव लोचन मंदिर, संस्कृताचार्य पंडित रामहेतु गर्ग शास्त्री, सतना (म.प्र.), महंत साध्वी प्रज्ञा भारती जी, संरक्षक वेदरतन सेवा प्रकल्प छ.ग., पंडित ऋषिराज त्रिपाठी-प्रयागराज (उ.प्र.), महंत उमेशानंद गिरी जी महाराज, नवागांव (बुडेनी) एवं विशिष्ट साधु-संत की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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