रायपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण के गठन किये जाने एवं परीक्षा के दौरान 10वीं तथा 12वीं के परीक्षार्थियों द्वारा बस के किराये में पूरी छूट दिये जाने जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत करते हुए प्रदेश मंत्री शुभम जायसवाल ने कहा कि नवगठित छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण ने अपनी पहली ही बैठक में जिस तरह पारम्परिक खेलों के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेलो के प्रोत्साहन हेतु योजना बनाई वह अभिनन्दनीय है।
प्रदेश में खेलों एवं खिलाडिय़ों को उचित प्रोत्साहन न मिल पाने के कारण प्रतिभाओं का दम तोडऩा, इन खेलों और खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के निर्माण एवं उनके उचित क्रियान्वयन के महत्त्व को रेखांकित कर रहा हैं।
वहीं उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आगे कहा कि छत्तीसगढ़ गठन के 19 वर्षों के बाद भी हमारा राज्य आज एक खेल विश्वविद्यालय के लिए तरस रहा है। परिषद् का यह सुविचारित मत है कि प्रदेश में एक सर्वसुविधासम्पन्न खेल विश्वविद्यालय खेलों एवं खिलाडिय़ों के विकास के लिये आवश्यक है। गत दिनों अभाविप के 52वें प्रदेश अधिवेशन में भी खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के विषय में सर्वसम्मति से मांग प्रस्ताव पारित किया गया था।
प्रदेश में खेलों की उपेक्षा का अनुमान तो इस बात से ही लग जाता है कि जहाँ सभी जिलों में भारतीय खेल प्राधिकरण के सेंटर होने चाहिए वहाँ प्रदेश के कुछ ही स्थानों पर ये सेंटर चल रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरकार से यह अपेक्षा रखती है कि वह छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण के सेंटर प्रत्येक जिलों में स्थापित कर अधिक से अधिक युवाओ को खेल के अवसर प्रदान करेगी जिससे छत्तीसगढ़ भी खेल के क्षेत्र में अपनी बेहतर स्थिति दर्ज करा सकेगा।
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