रायपुर। प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध राज्य है। यहां की सुरम्यवादियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा प्रदेश के ऐतिहासिक, पुरातात्विक,धार्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक, अभ्यारण्य, वन्यप्राणी, जलाशय आदि महत्व के 128 पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया गया है। पर्यटन मंडल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से दिसम्बर 2019 में एक करोड़ 62 लाख 64 हजार 805 पर्यटकों ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को लुफ्त उठाया है।
इनमें 6658 विदेशी पर्यटक और एक करोड़ 62 हजार 58 लाख 147 देशी पर्यटक शामिल है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूकता बड़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए पयर्टन के विकास को गति प्रदान करने के लिए नवीन पर्यटन नीति तैयार की जा रही है। इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन एवं होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए योजना तैयार की जा रही है। पर्यटन के क्षेत्र में गाइड सेवा प्रदान करने के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देने की योजना भी तैयार की जा रही है। सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ में आने वाले स्थलों में से 8 स्थलों-सीतामी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चन्दखुरी, राजिम, सिहावा और जगदलपुर को चिन्हित कर पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
पर्यटन मंडल द्वारा भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की ”स्वदेश दर्शन योजना के तहत कुरदर जिला बिलासपुर में ‘ट्रायबल टूरिज्म सर्किट में निर्मित इको टूरिस्ट रिसॉर्ट का संचालन प्रारंभ हो गया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत महेशपुर एवं नाथिया नवागांव में वे साइट एमेनिटी तथा सरोधादादर में एथनिक टूरिस्ट विलेज और कोण्डागांव में एथनिक टूरिस्ट रिसॉर्ट का निर्माण पूर्ण हो चुका है। भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की ”प्रसाद योजना के तहत केन्द्रीय वित्तीय सहायता के लिए डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर धार्मिक पर्यटन स्थल के लिए 62 करोढ़ 75 लाख रूपये का प्रस्ताव भेजा गया है।
छत्तीसग? पर्यटन मंडल द्वारा बिलासपुर संभाग में 40, रायपुर संभाग में 35, दुर्ग संभाग में 23, सरगुजा संभाग में 17 और बस्तर संभाग में 13 पर्यटन स्थल चिन्हित किया गया है। चिन्हित पर्यटन स्थलों में मुख्य रूप से चम्पारण में महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली एवं चम्पकेश्वर महादेव मंदिर, चन्दखुरी में प्राचीन शिव मंदिर, बारनवापारा में वन्यप्राणी, तुरतुरिया में लवकुश की जन्मस्थली एवं बौद्ध विहार, गरियाबंद के ऋषिझरन में झरना, प्राकृतिक स्थल एवं वनाच्छादित क्षेत्र, बावनकेरा में हजरत जाकिरशाह कादरी रहमतुल्लाह अलैह दरगाह और सिहावा में कर्णेश्वर मंदिर, पवित्र जलकुण्ड, सरोवर एवं गुफा शामिल है। प्रदेश मुख्य दर्शनीय स्थलों में गंगरेल और मॉडमसिल्ली जलाशय में जलक्रीड़ा, भिलाई में इस्पात कारखाना एवं मैत्रीबाग, पाटन में आग तालाब (तालाबों की नगरी), साकरदाहरा में टापू पर स्थित सतबहनियां मंदिर, एनीकट, मोंगरा बराज, जलदहरा, खुखा बराज एवं मोछधाम, भोरमदेव में भोरमदेव मंदिर, मडवा महल, छेरकी महल, जगदलपुर में दंतेश्वरी मंदिर, राजमहल, दलपतसागर एवं संग्रहालय, कांगेरघाटी में जलप्रपात एवं गुफाएं, कोण्डागांव में शिल्पग्राम, भोंगापाल में बौद्ध विहार, अबूझमाड़ में पाषाणयुगीन अवशेष, छोटेडोंगर में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष, बैलाडीला में लौह अयस्क की खानें, बारसूर में मामा-भांजा मंदिर, बत्तीस मंदिर एवं संग्रहालय, तालागांव में देवरानी-जेठानी मंदिर एवं रूद्र शिव प्रतिमा, लुतरा शरीफ में हजरत बाबा सैयद इंसान अली की दरगाह शामिल है। अभ्यारण्य, वन्यजीव, जलाशय और औद्योगिक पर्यटन स्थलों में मुख्य रूप से कोटमीसोनार में मगरमच्छ सरंक्षण पार्क, कोरबा में सुपर थर्मल पावर संयंत्र, हसदेव-बांगों में बांध दृश्य, रामगढ़ के सीताबेंगा (नाट्यशाला), जोगीगुफा, हाथीपोल एवं सीताकुण्ड, मैनपाट में हिल स्टेशन एवं बौद्ध मंदिर, डीपाडीह में प्राचीन मंदिरों का समूह, तातापानी में गरम पानी का स्रोत, सेमरसोत, बादलखोल और तमोर पिंगला में वन्यप्राणी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल सिरपुर का भ्रमण कराने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा 24 नवम्बर 2019 से पैकेज टूर प्रारंभ किया गया है। जो जलवायु पर्यटकों के लिए बेहद अनुकूल हैै।
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