बिलासपुर। स्वीपरों के मानदेय में दो करोड़ 83 लाख 42 हजार 408 रुपये का गलत आहरण करने पर कोटा बीईओ एमएल पटेल और सहायक ग्रेड तीन व लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुनील यादव को स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
चेक में कूटरचना कर 56 लाख की बंदरबांट की गई है। कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। एमएल पटेल ने बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी रहते हुए सत्र 2014-15 से 2017-18 के बीच सफाई कर्मचारियों के मानदेय की राशि का गलत ढंग से आहरण किया।
इसमें सहायक ग्रेड तीन सुनील यादव की भी भूमिका रही। लंबे समय से इस मामले में जांच चल रही थी। निलंबन आदेश छत्तीसगढ़ शिक्षा मंत्रालय की ओर से 10 जनवरी को जारी किया गया है।
निलंबन आदेश में लिखा है कि एलएल पटेल का यह आचरण सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम तीन के विपरीत गंभीर कदाचार है। इसलिए उन्हें राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गी नियंत्रण अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) (क) के प्रभाव से तत्काल निलंबित किया जाता है। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय संभागीय कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग बिलासपुर रहेगा।
बैंक प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध
प्रकरण में यह भी पुष्टि हुई है कि चेक में कूटरचना कर राशि निकाली गई है। 12 हजार रुपये के चेक को दो लाख 12 हजार स्र्पये का बनाया गया। इसी तरह करीब 10 से 12 चेक का आहरण किया गया।
बीईओ के हस्ताक्षर समेत राइटिंग में बदलाव के बाद भी बैंक अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया। दो स्वीपरों के नाम से कई बार राशि निकली है। ऑडिट में इसका उल्लेख है। जांच कमेटी ने भी बैंक के कार्य को सही नहीं माना है।
पूर्व में हो चुकी है एफआइआर
अंशकालीन स्वीपर संघ के दो पदाधिकारियों ने मिलकर शिक्षा विभाग से मिले करीब 12 लाख रुपये मानदेय की राशि को चेक में कूटरचना कर गबन करने का मामला पहले ही आ चुका है।
इसमें पुलिस ने दो आरोपित पदाधिकारियों सिंधी कॉलोनी स्थित मिडिल स्कूल सकरी के बंधवापारा निवासी रमेश कुमार निर्मलकर पिता लतेलराम निर्मलकर व प्राइमरी स्कूल में कार्यरत सिंधी कॉलोनी निवासी अनिल कुमार चौहान पिता छोटेलाल चौहान के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। सिविल लाइन थाने में बिल्हा बीईओ एमएल पटेल ने ही इसकी शिकायत दर्ज कराई थी।
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