देश के कई ट्रेड यूनियन और संगठनों ने आज यानी 8 जनवरी को भारत बंद का ऐलान किया है। दावा किया जा रहा है कि इस भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। इस हड़ताल की वजह से देश के कई बैंकों में कामकाज पर असर पड़ सकता है। आइए बैंकों की हड़ताल से जुड़े हर सवाल का जवाब जानते हैं।
कौन-कौन से बैंकों पर असर?
देश के अधिकतर पब्लिक सेक्टर के बैंकों के कामकाज पर असर पड़ने की आशंका है। इसमें मुख्यतौर पर बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और केनरा बैंक शामिल हैं। हालांकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई की ओर से कहा गया कि हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनों में हमारे बैंक कर्मचारियों की सदस्यता बहुत कम है। ऐसे में बैंक के कामकाज पर हड़ताल का असर कम से कम होगा।
बैंक में क्या-क्या काम नहीं होंगे?
अगर आप बैंक से कैश निकालना या डिपॉजिट करना चाहते हैं तो आपको परेशानी हो सकती है। इसके अलावा चेक क्लियरिंग का काम भी नहीं होगा।
क्या ऑनलाइन बैंकिंग पर भी असर पड़ेगा?
अगर आप नेटबैंकिंग-मोबाइल बैंकिंग करना चाहते हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप पैसों के ट्रांजैक्शन समेत अन्य ऑनलाइन सर्विसेज का लाभ सामान्य दिन की तरह उठा सकते हैं। कहने का मतलब ये है कि आपकी बैंकिंग से जुड़ी ऑनलाइन एक्टिविटी पर हड़ताल का असर नहीं पड़ेगा।
क्या प्राइवेट बैंकों पर भी असर होगा?
जी नहीं, प्राइवेट बैंकों पर हड़ताल का कोई असर नहीं होगा। मतलब ये कि अगर आप एचडीएफसी, एक्सिस, आईसीआईसीआई जैसे बैंकों के ग्राहक हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
एटीएम में पैसों की किल्लत होगी?
हड़ताल की वजह से एटीएम मशीनों में पैसे की किल्लत होने की आशंका है। दरअसल, पब्लिक सेक्टर के ज्यादातर बैंक बंद रहने की वजह से कैश का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो पाएगा, जिसके कारण एटीएम में कैश नहीं डाला जा सकेगा। कैश किल्लत की समस्या 9 जनवरी को भी बनी रह सकती है।
कौन-कौन से बैंक यूनियन शामिल?
देशव्यापी हड़ताल में बैंक यूनियन- अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक कर्मचारी फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक एम्पलाइज फेडरेशन (INBEF), भारतीय राष्ट्रीय बैंक अधिकारी कांग्रेस (INBOC) और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ (BKSM) शामिल हैं।
क्यों बैंक यूनियन कर रहीं हड़ताल का समर्थन?
दरअसल, देश के ट्रेड यूनियंस मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल कर रही हैं। इस हड़ताल का बैंक यूनियंस समर्थन कर रही हैं। बैंक यूनियंस के समर्थन की सबसे बड़ी वजह मर्जर है। बैंक यूनियन मर्जर के फैसले का लगातार विरोध कर रही हैं, इसी वजह से वे हड़ताल में शामिल हो रही हैं।
बता दें कि बीते साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया था। इसके बाद 4 नए बैंक अस्तित्व में आ जाएंगे। वहीं आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का अस्तित्व नहीं रहेगा। बैंक यूनियन का कहना है कि इस विलय से बैंकिंग सेक्टर में लोगों की नौकरी जाएगी। इसके अलावा बैंक यूनियन जमा राशि पर दरों में गिरावट का भी विरोध कर रही हैं।
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