रायपुर। नगर निगम रायपुर में महापौर पद को लेकर काफी उठापटक देखने को मिला। बहुमत का आंकड़ा नहीं होने की वजह से दोनों ही पार्टियों को निर्दलियों की जरुरत थी, लेकिन कांग्रेसी नेता निर्दलियों को साधने में सफल हुए।
पिछले कई दिनों से चल रहे बैठकों के दौर में कई कांग्रेसी नेता ने इसमें अहम भूमिका निभाई जिसमें गुरुचरण सिंह होरा का भी नाम शामिल है। उन्होंने चुनाव के पहले और चुनाव वाले दिन भी निर्दलीए पार्षदों की बैठक लेकर उन्हें कांग्रेस का साथ देने के लिए सहमत किया।
सोमवार को भी गुरुचरण सिंह होरा ने निर्दलीय पार्षदों के साथ होटल ग्रांड इंपीरिया में बैठक की। उसके पहले भी उन्होंने कई दौर की बैठक उनके साथ की है। कांग्रेस नेता गुरुचरण सिंह होरा ने बैठक के बाद दावा किया था कि सभी निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस का समर्थन करने की बात कही है।
कांग्रेस में महापौर लेकर रविवार रात तक बैठक चलती रही। कांग्रेसी पार्षदों के अलावा निर्दलियों की भूमिका भी उहम थी। निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने पर सहमति जताई है। समय गुजरने के साथ ही जैसे ही पार्टी ने ऐजाज ढेबर के नाम का खुलासा किया तो पार्षदोंन ेसे सहमति जता दी।
इस काम को अंजाम देने में गुरुचरण सिंह होरा ने अहम भूमिका निभाई। रायपुर नगर निगम में 70 सीटे है, जिसमें में 34 कांग्रेस, 29 भाजपा और 7 पर निर्दलियों का कब्जा है।
कांग्रेस को महापौर बनाने के लिए कम से कम दो पार्षदों की जरुरत है, जबकि भाजपा को महापौर बनाने के लिए सातों पार्षदों का समर्थन चाहिए। हालांकि जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक कांग्रेस ने सभी सात निर्दलीए पार्षदों को अपनी तरफ कर लिया है।
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