रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राजधानी रायपुर में आज सुबह न्यूनतम तापमान में 05 डिग्री की गिरावट आयी है, जिससे ठंडी हवाएं चलने के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश के सभी संभागों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना जतायी है जिससे ठंड में और इजाफा होने की संभावना है।
प्रदेश में 26 दिसंबर से मौसम में आये बदलाव के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश भी हुई है, जिससे बाद यहां ठंडी हवाएं भी चल रही है। सर्वाधिक कड़ाके की ठंड एवं शीतलहर प्रदेश के सरगुजा और बिलासपुर संभाग में जहां का न्यूनतम तापमान में भी भारी गिरावट आई है।
शनिवार को बिलासपुर के पेण्ड्रा रोड में न्यूनतम तापमान गिरकर 4.01 डिग्री तक पहुंच गया है, वहीं अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 3.08 डिग्री तक पहुंच गया है, जबकि राजधानी रायपुर में भी न्यूनतम तापमान में आज 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद राजधानी में 9.6 डिग्री न्यूनतम तापमान पहुंच गया है जबकि बिलासपुर में 7.5 डिग्री दर्ज किया गया है।
बस्तर के जगदलपुर में भी न्यूनतम तापमान में 6 डिग्री की गिरावट के साथ 11.4 डिग्री पहुंच गया है। सरगुजा संभाग के मैनपॉट में न्यूनतम तापमान 0 के करीब पहुंच गया है जिससे वहां आज तडक़े कुछ जगहों पर बर्फ की चादरें बिछी हुई देखी गई।
इस तरह प्रदेश के सभी संभागों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इधर मौसम विभाग ने आज भी प्रदेश के सभी संभागों में मौसम शुष्क रहने के साथ एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना जतायी है।
दूसरी ओर, प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य में शीत लहर और पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर उससे बचाव के सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें।
निर्देशानुसार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों एवं मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देशा जारी कर दिए हैं।
राहत आयुक्त एवं सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि भारत मौसम विज्ञान केन्द्र एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ में सामान्यत: दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता कभी-कभी शीत लहर का रूप ले लेती है।
इस माह से ठंड प्रारंभ हो गई है। इस दौरान नि:सहाय, आवासहीन, गरीब, वृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी ठंड से प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शीतलहर से प्रभावित होने वाले जनसामान्य के बचाव के लिए समुचित प्रबंधन करें।
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