नई दिल्ली। नए साल में आपकी सैलरी का स्ट्रक्चर बदल सकता है यानी आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) में अलाउंसेस (Allowances) का कुछ हिस्सा भी शामिल हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो कंपनियां और सरकार के बीच इस पर सहमति बन चुकी है। नए स्ट्रक्चर के आधार पर किसी भी सूरत में आपकी बेसिक सैलरी कुल सैलरी के 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती हैं।
हालांकि, अलाउंसेस की परिभाषा सरकार को तय करनी है और इस पर अभी इंडस्ट्री के साथ बातचीत चल रही है। नए प्रस्ताव से बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी और इससे PF योगदान में भी बढोतरी होगी पर आपकी टेक होम सैलरी में कुछ कमी आ सकती है।
इन सवालों के जवाब चाहती हैं कंपनियां- बेसिक सैलरी में अलाउंसेस का कितना कंट्रीब्यूशन होगा, उसमें कितना जोड़ा जाएगा, कौन से अलाउंस बेसिक सैलरी के हिस्सा होंगे, कौन से अलाउंसेस को उनसे बाहर रखा जाएगा।
ये मसले हैं जिस पर चर्चा काफी समय से चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्देश में इसे सुनिश्चित करने को कहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पर इंडस्ट्री इस शर्त के साथ तैयार हुई है कि सरकार अलाउंसेस की स्पष्ट कैटेगरी तय कर दे।
और क्या होगा- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बेसिक सैलरी में HRA को बाहर रखने का प्रस्ताव है। बाकी अलाउंसेस का 50 फीसदी बेसिक में शामिल किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक PLI यानी परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव को अलाउंसेस नहीं माना जाएगा।
इंडस्ट्री की दो डिमांड हैं- पहला ये कि सरकार स्पष्ट रूप ये तय कर दे कि कौन से अलाउंसेस बेसिक सैलरी के साथ क्लब किए जाएंगे और कौन से अलाउंसेस नहीं किए जाएंगे।
इसके अलावा एक शर्त ये रखी गई है कि सारे सेक्टर पर इसे यूनिफॉर्म रूप से लागू नहीं किया जाए। इसके लिए सेक्टर्स तय किए जाएं। सूत्रों के मुताबिक, अब सरकार और इंडस्ट्री बैठकर उन सेक्टर्स को क्लासीफाई करेगी।
कब से किया जाएगा लागू- कोड्स ऑन मिनिमम वेजेज को मंजूरी मिल चुकी है और सरकार ने नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नियम बनाने की प्रक्रिया के साथ ही बेसिक सैलरी में अलाउंसेस को भी शामिल किया जा सकता है।
यह भी देखें :
ग्रहण से 4 राशियों की पलटेगी किस्मत जबकि 8 का हो सकता है नुकसान…
Add Comment