उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने सह आरोपी महिला शशि सिंह को बरी कर दिया। शशि सिंह नौकरी दिलाने के बहाने पीडि़ता को कुलदीप सेंगर के पास लेकर गई थी, जिसके बाद सेंगर ने पीडि़ता का बलात्कार किया. सजा पर बहस 19 दिसंबर को होगी।
तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकारा लगाया. कोर्ट ने कहा कि पीडि़ता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया.
कोर्ट ने कहा कि हम पीडि़ता की मन की व्यथा को समझते हैं. कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?
इन धाराओं में दोषी करार
तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर और शशि सिंह को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीडऩ), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और पॉस्को के तहत दोषी ठहराया है।
अभी एक ही मामले में फैसला
इस केस में कुल 5 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीडि़ता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सडक़ दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला,और पीडि़ता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है।
क्या है मामला
जून 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने पीडि़ता का अपहरण करके बलात्कार किया गया था. इस दौरान वह नाबालिग थी। यूपी के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था।
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