रायपुर। छत्तीसगढ़ के जिला पुलिस बल में आरक्षकों के 2259 पदों की भर्ती मामले में लगाई गई सभी याचिकाओं को उच्च न्यायालय बिलासपुर ने आज खारिज करते हुए भर्ती पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। कोर्ट ने प्रकरण में शासन के द्वारा दोबारा भर्ती हेतु नियमों में किए गए संशोधन को सही ठहराया है।
विदित हो कि प्रदेश में पूर्व भाजपा शासनकाल में पुलिस विभाग में आरक्षकों के 2259 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा होने के बाद एक साल तक तक इसका रिजल्ट घोषित नहीं किया गया।
इस दौरान 2018 में विधानसभा चुनाव होने के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई। कांग्रेस सरकार ने इस भर्ती के लिए हुई परीक्षा में नियमों का पालन नहीं किये जाने का हवाला देते हुए इसे निरस्त कर दिया और इन पदों पर फिर से भर्ती के लिए संशोधन नियमों के साथ नई अधिसूचना जारी कर दी।
इसके विरोध में पूर्व में परीक्षा देने वाले कई लोगों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने नई भर्ती के विज्ञापन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। लेकिन इस मामले में पुन: सुनवाई न्यायाधीश गौतम भादुड़ी की कोर्ट में हुई।
कोर्ट ने शासन के नियमों में संशोधन को सही ठहराते हुए ना केवल भर्ती के लिए लगाई गई रोक को वापस ले लिया बल्कि इस मामले में सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट के नये आदेश के बाद अब शासन अपने संशोधन नियमों के जरिए आरक्षकों की भर्ती कर सकती है।
गौरतलब हो कि जिला पुलिस बल में आरक्षक बनने के लिए 9 लाख युवाओं ने आवेदन किया था जिसमें 55 हजार से ज्यादा युवाओं ने शारीरिक परीक्षा पास कर ली थी। साल 2018 के सितंबर माह में उनकी लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन उसका परिणाम जारी नहीं किया गया था।
जिसे लेकर अभ्यर्थियों द्वारा सड़क की लड़ाई लड़ी थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। अभ्यर्थियों को आरक्षक बनने के लिए अब दोबारा मेहनत करनी होगी।
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