रायपुर। जंगल सफारी में एक डेढ़ साल के शेर की मौत हो गई है। गुमा नाम का ये शेर पेट की गंभीर बीमारी से जुझ रहा था। मिली जानकारी के मुताबिक सिंह गुमा ने 16 नवंबर से ही खाना-पीना बंद कर दिया था।
शेर का इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक उसके पेट के हड्डी के कई टुकड़े मिले हैं। इन्हीं की वजह से उसके पेट में इंफेक्शन हो गया था और यही उसकी मौत की वजह बनी। पोस्टमार्टम के बाद शेर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गुमा (शेर) की तबियत बिगडऩे के बाद उसे दुर्ग जिले के अंजोरा में स्थित वेटेनरी अस्पातल में भी इलाज के लिए ले जाया गया था। फिर बीमारी का पता चलने के बाद उसे राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल से इंसानों के लिए इस्तेमाल की जानेवाली मशीन का इस्तेमाल कर इलाज करने की कोशिश की गई थी।
फिर भी गुमा को नहीं बचाया जा सका। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद जू में ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भिलाई के मैत्री बाग में रहने वाले जानवरों की सुरक्षा के लिए जू प्रबंधन ने व्यापक इंतेजाम करना आरंभ कर दिया है।
इसके तहत खास तौर पर ठंड के मौसम में टाइगर को बचाने के लिए केज के समीप अलाव जलाया जा रहा है ताकि ठंड से शेरों का बचाव हो सके। इसी तरह से अन्य जानवरों को भी ठंड से सुरक्षा दिलाने के लिए अलग -अलग तरह के प्रबंध किए जा रहे हैं।
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