छत्तीसगढ़

लॉ स्टूडेंट्स से साझा किया अपना अनुभव, न्यायाधीश रामकुमार तिवारी ने…’मानवाधिकार सिर्फ आरोपियों के नहीं पीडि़तों के भी होते हैं, संगठनों को पुनर्विचार करना चाहिए’…

रायपुर। न्यायाधीश रामकुमार तिवारी ने लॉ स्टूडेंट्स से साझा किया अपना अनुभव, कहा-‘मानवाधिकार सिर्फ आरोपियों के नहीं पीडि़तों के भी होते हैं, संगठनों को पुनर्विचार करना चाहिए’, जे. योगानंदम कॉलेज में मानव अधिकार दिवस पर समारोह का आयोजन, विधि संकाय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर सुमन यादव को पुरस्कार प्रदान किया गया।

मानवाधिकार दिवस के मौके पर रायपुर के शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में मानवाधिकार दिवस के मौके पर विधि विभाग द्वारा मानव अधिकार दिवस समारोह का आयोजन किया गया।



इस दौरान जिला व सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रामकुमार तिवारी मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। साथ ही विधिक सेवा प्राधिकरण से उमेश उपाध्याय ने विधि विभाग के आयोजन में हिस्सा लिया।

इस दौरान विधि उत्सव में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।अपने उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामकुमार तिवारी ने कहा कि मानवाधिकार सिर्फ आरोपियों, अपराधियों के नहीं होते,बल्कि पीडि़तों के भी होते हैं।


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मानवाधिकार हनन आरोपियों के पक्ष में खड़े रहते हैं। ऐसे में मानवाधिकार संगठनों को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। वहीं उन्होंने लॉ के क्षेत्र में अपने अनुभव को भी छात्र-छात्राओं के साथ साझा किया।

समारोह में लॉ और आम लोगों के बीच के सम्बंध को भी बताया गया। साथ ही इस समारोह में विधि संकाय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने हेतु पुरस्कार स्व. उदाराम करवन्दे की स्मृति में सुमन यादव को दिया गया हैं।

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