दुबई। भारत-वेस्टइंडीज के बीच शुक्रवार से शुरू हो रही सीरीज के दौरान बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दोनों टीमों के बीच टी-20 और वनडे सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल का निर्णय मैदानी अंपायरों की बजाय थर्ड अंपायर करेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार को यह घोषणा की।
फिलहाल इस नियम को ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन टी-20 इंटरनेशनल के बाद इतने ही मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी। सीरीज की शुरुआत शुक्रवार को हैदराबाद में खेले जाने वाले टी-20 से होगी।
आईसीसी ने अपने बयान में कहा-पूरे ट्रायल के दौरान, थर्ड अंपायर गेंदबाज की हर गेंद की निगरानी करने और यह पहचानने के लिए जिम्मेदार होगा कि क्या कोई फ्रंट फुट उल्लंघन हुआ है।
आईसीसी के मुताबिक-अगर सामने के पैर में कोई उल्लंघन हुआ है, तो थर्ड अंपायर ऑन-फील्ड अंपायर से बातचीत करेगा, जिसे बाद में नो बॉल करार कर दिया जाएग। आईसीसी ने कहा कि करीबी कॉल में संदेह का लाभ गेंदबाज के पास होगा।
आईसीसी ने आगे कहा है अगर फैसला देने में देरी होती है, तब मैदान पर मौजूद अंपायर आउट का फैसला बदलेगा (अगर उचित हो) और नो बॉल करार देगा। बाकी सभी फैसलों के लिए पहले की तरह मैदानी अंपायर ही जिम्मेदार होगा।
आईसीसी के मुताबिक इस ट्रायल को नो-बॉल की सटीकता को जांचने के पैमाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या इससे खेल की रफ्तार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।
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