रायपुर। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रायपुर जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटर्स का औचक निरीक्षण किया है। इस छापा मार कर्रावाई में अवैध रूप से काम करने वाले सोनोग्राफी सेंटरों पर कार्रवाई की है। 2 सोनोग्राफी सेंटरों को सील कर दिया गया है। वहीं 8 का पंजीयन निरस्त और 12 को कारण बताओ नोटिस दिया है।
रायपुर जिले में संचालित सोनोग्राफी सेंटर्स का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कल अचानक निरीक्षण किया। पीसीपीएनडीटी एक्ट के परिपालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जि़ले में संचालित सोनोग्राफी सेंटरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद पाया गया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भाधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट
गर्भाधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भू्रण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक पीएनडीटी एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डॉक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
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