नई दिल्ली। मोदी सरकार संसद के जारी सत्र में ही आर्म्स एक्ट संशोधन बिल पेश करने जा रही है। कैबिनेट पहले ही इसको मंजूरी दे चुकी है। बिल में संशोधन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बंदूक, पिस्तौल आदि नहीं रख सकेगा। अभी यह सीमा तीन हथियारों की है।
सभी पार्टियों के राजघरानों के सांसदों और राजपूत सांसदों ने इस संशोधन का विशेष तौर पर विरोध किया है। उनकी दलील है कि पुश्तैनी हथियार हैं जो पीढिय़ों से चले आ रहे हैं। दशहरे पर शस्त्र पूजन में इन हथियारों का प्रयोग होता है।
राजघरानों की दलील है कि रियासतों का भारत में विलय इन हथियारों के साथ ही हुआ था, ऐसे में इन पर रोक ठीक नहीं है। हालांकि संशोधन बिल में प्रावधान है कि ऐसे पुश्तैनी हथियारों की एक अलग श्रेणी होगी लेकिन उनके प्रयोग के लिए कारतूस नहीं रख सकते।
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