रायपुर। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भाजपा सदस्यों ने प्रदेश में किसानों से धान खरीदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास करते हुए जमकर हंगामा किया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार हर हाल में किसानों से 2500 रूपये की दर से धान खरीदेगी।
ये धान केन्द्र द्वारा तय दर 1815 व 1835 रूपये प्रति क्विंटल में खरीदी जाएगी वहीं दोनों राशि में फर्क की शेष राशि किसानों के खातों में जमा कराने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई समिति अतिशीघ्र तय करेगी। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्रकाल में आज कांग्रेस विधायक अरूण वोरा की अनुपस्थिति में विधायक धनेन्द्र साहू ने प्रदेश में धान खरीदी एवं प्रदेश का चावल केन्द्र द्वारा खरीदी नहीं किए जाने का मामला उठाया। धनेन्द्र साहू ने मंत्री से पूछा कि क्या कारण है कि प्रदेश का चावल केन्द्र सरकार द्वारा खरीदा नहीं जा रहा है।
इसके जवाब में खाद्य मंत्री श्री भगत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने शर्त रखी है कि अगर प्रदेश सरकार इस साल किसानों से 2500 रूपये समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करेगी तो उनके द्वारा प्रदेश का चावल की खरीदी नहीं की जाएगी।
श्री भगत ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार के इस शर्त के बाद सरकार ने प्रदेश के किसानों का धान केन्द्र द्वारा तय दर 1815 व 1835 रूपये में खरीदने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने किसानों से 2500 रूपये प्रति क्विंटल दर पर धान खरीदने का जो वादा किया है उसे भी हम हर हाल में निभाएंगे।
इसके लिए केन्द्र की तय दर और 2500 रूपये में फर्क की शेष राशि को किसानों के खातों तक किस रूप में पहुंचायी जाए इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री स्तरीय एक समिति बनाई है।
ये समिति अगले बजट सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी जिसके बाद बैठक में अनुशंसा कर धान खरीदी की शेष राशि को किसानों के खातों में जमा करा दिया जाएगा। खाद्य मंत्री के इस उत्तर के दौरान नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा सहित अन्य भाजपा नेताओं ने खाद्य मंत्री से पूछा कि सरकार 1 दिसंबर से प्रदेश में धान खरीदी शुरू करने जा रही है।
धान की खरीदी केन्द्र की तय दर पर की जा रही है फिर 2500 रूपये में फर्क की शेष राशि किसानों को कब तक दिया जाएगा। मंत्री ने इस प्रश्र के उत्तर में कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई समिति की रिपोर्ट आने के बाद शीघ्र ही किसानों को शेष राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। मंत्री के इस जवाब से असंतोष जाहिर करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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