रायुपर।”सावधानी से करे इस्तेमाल,सुरक्षित करे अपने बाल गोपाल””’बिना डाक्टरों की सलाह मान, इस्तेमाल कर अधूरा ज्ञान, अंधाधुन एंटीबायोटीक लेकर, कहीं गवा न देना अपनी जान”।
इस स्लोगन के साथ बुधवार को चिकित्सा महाविद्यालय में ”विश्व एंटीबॉयटीक जागरूकता सप्ताह” मनाया गया। जिसके के अंतर्गत एंटीबॉयटीक संबंधित मुख़्तलीफ विषयों पर विभिन्न आयोजन किये गये। इस समारोह का औपचारिक उद्घाटन चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह द्वारा किया गया।
इन गतिविधियों में महाविद्यालय के एमबीबीएस द्वितीय और जुनियर फायनल वर्ष के विद्यार्थियों ने भाग लिया।विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता, एंटीबॉयटीक के प्रति विषाणुओं द्वारा लगातार प्रतिरोध उत्पन्न कर लेने की समस्या पर एक सेमीनार और इनसे बचाव के लिये किये जा रहे उपायों पर स्लोगन प्रतियोगितायें आयोजित की गई।
डॉ. अरवन्दि नेरल ने बताया है कि ये गतिविधियॉ महाविद्यालय के माईक्रोबायोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसीन और फारमाकोलॉजी विभागों के मार्गदर्शन में की गई है। एंटीबॉयटीक के दुरूपयोग से होने वाली समस्याओं और इनके सही इस्तेमाल के प्रति जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से ये आयोजन किये गये।
सेमीनार में द्वितीय एमबीबीएस के तन्वी जैन, वर्तिका अग्रवाल, सोनी पाल, तृषा दुआ एवं नीलम सतरंज ने इस विषय पर गंभीर एवं शोधपरक, ऑडियो विजुअल प्रस्तुती के माध्यम से व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा स्लोगन के माध्यम से लोगों में एंटीबायोटीक के उपयोग के संबंध में जानकारी दी गई।
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