रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अंजलि-आर्यन प्रेम विवाह मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद आज राजधानी रायपुर के बैरनबाजार स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर से अंजलि जैन को रिहा कर दिया गया।
एसपी और महिला बाल विकास के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अंजलि ने आर्यन आर्य उर्फ इब्राहिम के साथ जाने की इच्छा जताई। दोनों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच रवाना किया गया।
अंजलि जैन को लेने के लिए उसके घर से कोई नहीं पहुंचा था। सखी वन स्टॉप सेंटर से बाहर निकलने के बाद अंजलि जैन ने कहा कि यह मामला जल्द खत्म हो। मेरे परिवार से मुझे लेने कोई नहीं आया उसका मुझे दुख है। मैं अपनी मर्जी से अपने पति के पास जा रही हूं। मैं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हूं।
ज्ञात हो कि अंजलि जैन विगत 8 माह से सखी वन स्टॉप सेंटर में थीं। धमतरी निवासी अंजलि जैन ने आर्यन आर्य उर्फ इब्राहिम के साथ प्रेम विवाह किया था। अंतरजाति विवाह को लेकर मामला काफी तुल पकड़ा था। मामले को लेकर अंडलि के पिता कोर्ट चले गए थे।
मामले में उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि अंजलि जैन को स्वतंत्र रूप से उसकी इच्छा पर रहने देने के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर से छोड़ा जाए। इसके लिए 20 नवंबर की सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया गया था। पूर्व में इसके लिए 17 नवंबर का दिन निर्धारित किया गया था।
इसके लिए अशोक जैन तथा मोहम्मद इब्राहिम को उनके दूरभाष एवं ईमेल आई डी के माध्यम से दिए जाने का प्रयास किया गया, किन्तु अशोक जैन के दूरभाष बंद होने तथा पुलिस के अनुसार उनके धमतरी के निवास पर सपरिवार अनुपस्थित के कारण सूचना तामिली नहीं हो पाई। इस कारण आम सूचना जारी कर अंजली जैन को 20 नवंबर को सुबह 11 बजे सखी सेन्टर से छोड़ का निर्णय लिया गया था।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से जिला कलेक्टर और दंडाधिकारी रायपुर द्वारा सखी सेंटर,बैरन बाजार रायपुर के 200 मीटर की परिधि में भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लगाई गई थी। बैरिकेट्स लगाया गया था।
इस मार्ग से किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा था। एसपी से लेकर सिपाही तक तकरीबन 150 के करीब पुलिस बल की मौजूदगी में सखी सेंटर से अंजलि को रिहा किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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