पैरी नदी उफान पर, गरियाबन्द-अभनपुर मार्ग में लगा लंबा जाम, 12 घंटे पहले नहीं खुलेगा रास्ता

गरियाबंद। पिछले दो दिनों से जिले के अलग-अलग जगहों पर हो रहे मूसलाधार बारिश से आज थोड़ी राहत मिली थी कि सुबह से नेशनल हाइवे के जाम ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। सुबह 6 बजे से नेशनल हाईवे गरियाबन्द-अभनपुर मार्ग के बीच पडऩे वाले पनटोर के पास जाम लगा हुआ है। यहां पर पैरी व सोंढूर नदी का पानी एक हो जाता है। उधर, सिकासार जलाशय का पानी छोडऩे से पैरी का बहाव तेज हो गया। मुख्य धारा के बजाए पनटोर के पास नदी का पानी हाइवे को पार कर गया। सडक़ के बीचों बीच 7 फीट से भी ज्यादा पानी भरना शुरू हो गया है। दोनों छोर पर वाहनों की लम्बी कतार लगनी शुरु हो गई है। नदी में बहाव तेज होने की वजह से मौके पर पुलिस पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। दोनों ओर खड़े यात्रियों को वापस लौटाया जा रहा है।
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह कई जिलों में नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं। इसी के चलते जिले के सिकासार बांध में छमता से ज्यादा जलभराव होने की वजह से 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण पैरी नदी का जल स्तर बढ़ गया है। सुबह से ही नेशनल हाइवे के पनटोर के पास जाम लगा हुआ है। नदी में तेज बहाव की वजह से आने वाले 12 घण्टे तक हाईवे बहाल होने की आसार नजर नहीं आ रहे है।
87 हजार क्यूसेक से ज्यादा की छमता वाली सिकासार जलाशय लबालब हो गया है। सिचाई विभाग के मुताबिक जलाशय में खतरा को देखते हुए 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सिकासेर को लेबल पर लाने 12 घण्टे से भी ज्यादा समय लग जायेगा,यानी पैरी का बहाव इस समय तक कम नहीं होगा. जिसके चलते पनटोर पर लगे जाम की स्थिति बहाली होने की सम्भावना नहीं है।
पैरी के बहाव अपने साथ सूखे पेड़ को लेकर आ रही है। इसे निकालने बहाव से लगे गांव के ग्रामीण नदी में छलांग लगाकर लकड़ी बहार निकाल रहे है। इस जोखिम से जिले के कई नदियों में पहले भी जाने जा चुकी है। हालांकि ग्रामीणों के इस हरकत से प्रशासन अनजान है, लेकिन समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हादसा होने की संभावना बनी रहेगी। हाइवे के अलावा मैनपुर शोभा अडग़डी मार्ग, कुल्हाड़ीघाट, देवभोग के बेलाट नाला, मूंगिया नाला, अमलीपदर के सुखतेल नदी भी पूरी तरह से उफान पर है, जिसके चलते इन इलाकों का सम्पर्क ब्लॉक मुख्यालय से कट गया है।