राजेश्री महंत डॉ.रामसुंदर दासजी महाराज,दूधाधारी मठ पुरानी बस्ती रायपुर ने भगवान श्री राम की माता कौशल्या के जन्मतिथि के निर्धारण एवं जन्मकुंडली तैयार करने विद्वानों को आमंत्रित किया है। इसमें प्रथम स्थान आने वाले विद्वान को उनके हाथों नगद 11 लाख और सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
आपको बता दें कि माता कौशल्या रामायण की एक प्रमुख पात्र हैं। पुराणों के अनुसार राजा दशरथ व उनकी रानी कौशल्या पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु – शतरूपा थी। इन्होंने भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की।
तपस्या से प्रसन्न भगवान विष्णु ने कहा कि त्रेतायुग में मेरा सातवां अवतार राम के रूप में होगा। आप दोनों अयोध्या के महाराजा और महारानी के घर में पुत्र रूप में प्रकट होऊंगा। छत्तीसगढ़, जिसे पुरातनकाल से ही दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता रहा है। रामचरित मानस व वाल्मिकी रामायण में भी कौशल प्रदेश का उल्लेख मिलता है।
कौशल्या, इसी कौशल प्रदेश (छत्तीसगढ़) की राजकुमारी थी। पिता भानुमंत व माता सुबाला/अमृतप्रभा थीं। राजकुमारी कौशल्या को अयोध्या के राजकुमार दशरथ की अग्रमहिषी तथा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
वाल्मीकि रामायण, आनन्द रामायण, आध्यात्म रामायण, गुणभद्रकृत उत्तर पुराण सहित बलदेव प्रसाद मिश्र, मैथलीशरण गुप्त आदि के काव्यों में कौशल्या माता की कथाओं का वर्णन है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी (प्राचीन नाम चंद्रपुरी) गांव है। जिसे माता कौशल्या की जन्म स्थली माना जाता है। यहां माता कौशल्या का मंदिर भी है। यह मंदिर दुर्लभतम है, जैसे पुरे देश मे पुष्कर में ब्रह्मा जी का तथा कोणार्क में सूर्यदेव का एक मात्र मंदिर है।
ठीक वैसे ही रायपुर के चंदखुरी में कौशल्या जी का एक मात्र मंदिर स्थित है। करीब 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर यह मंदिर है, जहां भगवान श्रीरामचन्द्र जी की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं।
प्राप्त प्रमाण,पुरातत्व की खुदाई , प्राचीन ग्रन्थों , जनश्रुति,क्षेत्रीय दंतकथाओं आदि के अलावा ज्योतिष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले समस्त विद्वानों को तत्सम्बन्ध में समस्त जानकारियों व ज्योतिष गणना आदि के द्वारा भगवान रामचन्द्र जी की कुंडली के चतुर्थ भाव ( मातृ भाव) के आधार पर माता कौशल्या जी की जन्मतिथि के निर्धारण एवं जन्मकुंडली तैयार किए जाने हेतु आमंत्रित किया जाता है।
विद्वानों से प्राप्त प्रस्ताव को चयनित विशेषज्ञ जजों (जूरी) द्वारा प्रमाणित किया जायेगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्वान को नगद राशि 11 लाख रुपये तथा विशेष सम्मान पत्र प्रदान किया जायेगा।
पत्राचार की अवधि – 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2019 तक
पत्राचार का पता – राजेश्री महंत डॉ.रामसुंदर दास जी महाराज,दूधाधारी मठ पुरानी बस्ती रायपुर, 7974921924, 7974921927 है।
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