
कोरबा: विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को सलाह दी जा रही है कि सांप देखने या आसपास में निकलने पर उन्हें मारने के बजाय निगरानी रखें, ताकि बाद में रेस्क्यू का काम किया जा सके। इधर विषधरों के द्वारा लोगों को निशाने पर लिया जा रहा है। इसी चक्कर में एक बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर उपचार के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
सीएसईबी पुलिस चौकी के अंतर्गत एसईसीएल पंपहाउस कालोनी झोपड़ीपारा क्षेत्र में यह घटना सुबह 4 बजे के लगभग हुई। यहां पर दो वर्ष का बालक सत्यम अपनी मां के साथ घर पर सो रहा था। उसी दरम्यान आसपास से विचरण करते हुए करैत सर्प यहां पहुंचा और बच्चे के पैर में काट लिया। इस घटना के असर से बच्चे की चीख निकल गई। इससे उसकी मां और परिजन हरकत में आये। उन्होंने उजाले में देखा की करैत सर्प बाहर निकल रहा है।
यह समझते देर नहीं लगी की सबकुछ किया धरा इसी विषधर का है। परिजनों ने तत्काल वाहन के जरिये बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया और मामले की जानकारी दी। बच्चे के नाना ईश्वर प्रसाद ने बताया कि आधे घंटे से भी अधिक समय तक इमरजेंसी सेवा का स्टाफ हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा।
उसके द्वारा सर्पदंश से जुड़ी घटना और इससे प्रभावित बच्चे को उचित चिकित्सा दिए जाने के बारे में कोई जिम्मेदारी नहीं दिखाई गई। नर्सिंग स्टाफ के लापरवाह रवैय्ये के चलते आखिरकार बच्चे की मौत हो गई। जब तक यहां पर कुछ काम किया जाताए खेल खत्म हो चुका था। औपचारिकता के तौर पर डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। यहां से प्रतिवेदन भेजे जाने पर पुलिस चौकी ने मर्ग कायम किया है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।